नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश में सियासी गूंज तेज हो गई है। भाजपा और टीएमसी के बीच प्रदेश में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। अन्य दलों के मुकाबले भाजपा और टीएमसी पश्चिम बंगाल में आमने-सामने नजर आ रहे हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में चुनाव की घोषणा के बाद भी प्रदेश में खून खराबे का सिलसिला जारी है। ऐसे में चुनाव आयोग की तरफ से पश्चिम बंगाल को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है।
चुनाव आयोग ने तत्काल प्रभाव से पश्चिम बंगाल के डीजीपी वीरेंद्र का तबादला कर दिया है। उनकी जगह पर आईपीएस पी नीरजनयन अब यह जिम्मेदारी संभालेंगे। इसकी घोषणा भी चुनाव आयोग की तरफ से कर दी गई है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने डीजीपी विरेंद्र को लेकर निर्देश जारी किया है कि वह किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव के किसी भी कार्रवाई से जुड़े नहीं रहेंगे। उन्हें चुनाव से जुड़ी कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
चुनाव आयोग की तरफ से लिए गए इस फैसले से पहले चुनाव को सामान्य तरीके से कराने को लेकर चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों की एक टीम पश्चिम बंगाल में चुनाव तैयारियों का जायजा लेने के लिए कोलकाता पहुंचे थे। इस टीम में चुनाव आयोग के विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक और पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दूबे कोलकाता पहुंचे थे।
इससे पहेल चुनाव आयोग की टीम ने बताया था कि पहले चरण में होनेवाले मतदान के लिए राज्य की सभी सीटें संवेदनशील है। जबकि दूसरे चरण में बांकुरा, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना की कुछ सीटों पर चुनाव होंगे। इसके अलावा इसी चरण में नंदीग्राम और खड़गपुर सदर जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर भी चुनाव होना है। ऐसे में पहले चरण के चुनाव के लिए चुनाव आयोग की तरफ से सभी मतदान केंद्रों पर केद्रीय बल तैनात करने की अधिसूचना जारी कर दी। इसके लिए इस चरण में केंद्रीय बलों की 415 कंपनियां तैनात की जाएंगी।