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Sameer Wankhede Caste Row: समीर वानखेड़े को मुस्लिम बताने वाले नवाब मलिक को तगड़ा झटका, कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने वानखेड़े को दिया क्लीनचिट

Sameer Wankhede Caste Row: दरअसल, नवाब मलिक का कहना था कि समीर वानखेड़े के पिता ने ज्ञानेश्वर ने मुस्लिम लड़की से शादी करने के लिए हिंदू धर्म का परित्याग कर दिया था। अब इस लिहाज से जब समीर वानखेड़े का जन्म होता है, तो वे मुस्लिम हुए, लेकिन उन्होंने सिर्फ और सिर्फ सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया है, जो कि पूरी तरह से फर्जी है।

नई दिल्ली। अभिनेता शाहरुख खान के लाडले आर्यन खान को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार करके चर्चा में आए एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े के जाति को लेकर इस केस में खूब विवाद देखने को मिला था। उनकी जाति को लेकर दो पहलू उभरकर सामने आए थे। जहां एनसीपी नेता नवाब मलिक का आरोप था कि समीर वानखेड़े मूल रूप से मुस्लिम हैं। उनके पिता ने हिंदू धर्म का त्याग किया था और समीर ने सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए खुद को दलित बताने का दांव चला था। यही नहीं, नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े की दलित होने की पुष्टि करने वाले प्रमाणपत्र को भी झूठा करार दे दिया था, लेकिन इस पूरे मामले में अब एक अहम जानकारी निकलकर सामने आई है।

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दरअसल, कास्ट स्कूटनी कमेटी ने एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े के दलित होने की पुष्टि कर दी है। कमेटी ने समीर के दलित होने पर अंतिम मुहर लगा दी है। यही नहीं, कमेटी ने अपने आदेश में उन दलीलों को भी सिरे से खारिज कर दिया है, जो कि समीर के दलित होने की बात को नकार रहे थे। जांच कमेटी ने कहा कि समीर वानखेड़े के पिता ने ना ही हिंदू धर्म का परित्याग किया था और ना मुस्लिम धर्म को अपनाया था। बता दें कि जांच कमेटी का यह स्पष्टिकरण उस लिहाज से अहम हो जाता है, जिसमें कहा गया था कि समीर वानखेड़े हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम हैं। जांच कमेटी ने यह भी माना है कि वे समीर दलित समुदाय से हैं। वे महार जाति से हैं। बता दें कि समीर वानखेड़े ने इससे पहले ही नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में कहा था कि उन्होंने नवाब के दामाद को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था, जिसकी वजह से वे काफी भड़के हुए हैं और इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे हैं।

दरअसल, नवाब मलिक का कहना था कि समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानेश्वर ने मुस्लिम लड़की से शादी करने के लिए हिंदू धर्म का परित्याग कर दिया था। अब इस लिहाज से जब समीर वानखेड़े का जन्म होता है, तो वे मुस्लिम हुए, लेकिन उन्होंने सिर्फ और सिर्फ सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया है, जो कि पूरी तरह से फर्जी है। हालांकि,  इन आरोपों के बाद नवाब मलिक को भी कानूनी नोटिस भी जारी किया गया था, जिसके बाद उनके अधिवक्ता ने उनका जवाब भी दिया है, लेकिन अब जिस तरह से पूरे प्रकरण की जांच कर रही जांच कमेटी ने समीर वानखेड़े के दलित होने पर मुहर लगाई है, उसे नवाब मलिक के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है।

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उधर, जांच कमेटी के आदेश के बाद समीर वानखेड़े ने कहा कि सत्यमेव जयते। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे खुशी है कि सत्य की जीत हुई है, लिन मुझे इस बात का भी दुख है कि मेरे पिता और मेरे परिवार को भी नहीं बख्शा गया। फिलहाल, इस पूरे मसले को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा देखने को मिल रही है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम