नया संसद भवन।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने18 से 22 सितंबर का संसद का विशेष सत्र बुलाया है। हालांकि ये अभी साफ नहीं हो पाया है कि आखिर संसद का विशेष सत्र किस वजह से बुलाया गया है। इसका एजेंडा साफ नहीं हो पाया है। वहीं विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर हमला भी बोल रही है। इसके साथ ही विपक्ष ने संसद के स्पेशल सेशन बुलाए जाने के पीछे की मोदी सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं। इस बीच संसद के विशेष सत्र को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल केंद्र सरकार ने विशेष सत्र के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। ANI के मुताबिक, पार्लियामेंट के स्पेशल सेशन से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। 11 अगस्त को ही संसद का मानूसन सत्र खत्म हुआ था।
All-party meeting called by Union Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi on 17th September, ahead of Parliament special session: Sources
— ANI (@ANI) September 13, 2023
संसद का विशेष सत्र 18-22 सितंबर तक चलेगा। बता दें कि मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में पहली मर्तबा संसद का विशेष सत्र का बुलाया जा रहा है। ज्ञात हो कि साल 2017 में जीएसटी लागू होने के मौके पर देर रात को दोनों सदनों की बैठक भी बुलाई गई थी। वहीं प्रह्लाद जोशी ने अपने ऑफिशियल अकाउंट एक्स (ट्विटर) पर भी इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा,”संसद के विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम 4.30 बजे सर्वदलीय फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई गई है। इसके लिए संबंधित लीडर्स को ईमेल के जरिए निमंत्रण भेजा गया है।”
Ahead of the parliament session from the 18th of this month, an all-party floor leaders meeting has been convened on the 17th at 4.30 PM. The invitation for the same has been sent to concerned leaders through email.
Letter to followಇದೇ ಸೆಪ್ಟೆಂಬರ್ 18 ರಿಂದ ಆರಂಭವಾಗಲಿರುವ ವಿಶೇಷ…
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) September 13, 2023
इससे पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की ओर से संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। सोनिया गांधी ने पूछा था कि आखिर किस वजह से विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। इसके कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने महंगाई, बेरोजगारी समेत 9 मुद्दों पर सरकार से चर्चा कराए जाने की मांग की थी। हालांकि ऐसे भी कयास लगाए जा रहे है कि संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार ‘एक देश, एक कानून’ का बिल ला सकती है।