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BJP: जम्मू-कश्मीर स्थानीय निकाय चुनाव और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की चुनाव प्रभारियों की सूची

BJP: धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव (Jammu and Kashmir Local Body Election) होना तय हुआ है। इसके लिए भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कमर कस ली है। पार्टी की तरफ से जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कुल तीन नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (ANURAG THAKUR) को वहां का चुनाव प्रभारी बनाया गया है।

नई दिल्ली। बिहार चुनाव के बाद अब भाजपा की तरफ से जम्मू-कश्मीर स्थानीय निकाय चुनाव और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा ने चुनाव प्रभारियों की सूची जारी कर दी है। बिहार चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करनेवाली एनडीए गठबंधन के तहत भाजपा रही। ऐसे में बिहार चुनाव में पार्टी के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए चुनाव प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव को अब पार्टी की तरफ से एक और बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें अब भाजपा की तरफ से ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव की कमान सौंपी गई है। उनके ऊपर पार्टी को वहां मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में उन्हें वहां का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।

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आपको बता दें कि तेलंगाना नगर निगम में इस वक्त वहां की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस का कब्जा है, लेकिन इस बार भाजपा की कोशिश है कि इस चुनाव में वह जीत दर्ज कर अपना जनाधार धीरे-धीरे दक्षिण के राज्यों में भी बढ़ाए। इसी को लेकर भाजपा की तरफ से शीर्ष रणनीतिकारों में से एक भूपेंद्र यादव को उस काम पर लगाया गया है।

वहीं धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव होना तय हुआ है। इसके लिए भी भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है। पार्टी की तरफ से जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कुल तीन नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को वहां का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। आपको बता दें कि घाटी में होनेवाले स्थानीय निकाय चुनाव की तारीख 28 नवंबर से 19 दिसंबर तक निश्चित की गई है।


वहीं अनुराग ठाकुर के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और हरियाणा के सांसद संजय भाटिया को वहां चुनाव का सह प्रभारी बनाया है। पार्टी की तरफ से इस नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से लागू हो जाने की बात कही गई है।


इसके साथ ही ये बता दे कि घाटी से 370 हटने के बाद और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार यहां जिला विकास परिषद का चुनाव भी हो रहा है। ऐसे में यहां जिला विकास परिषद, पंचायतों व स्थानीय निकायों के चुनाव को कुल आठ चरणों में होना तय किया गया है। इस पूरे चुनाव में इस बार खास बात यह है कि जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में तो राजनीतिक पार्टियों के सिंबल पर चुनाव लड़े जाएंगे वहीं पंचायत व निकाय उपचुनाव में पार्टी के चुनाव चिन्ह का उपयोग नहीं होंगा।