नई दिल्ली। अगर आपसे अभी यह सवाल किया जाए कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा (UP Assembly Election) में चुनाव में BJP की तरफ से मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी कौन होगा? तो आपका जवाब क्या रहेगा? यह तो फिलहाल आप ही बता सकते हैं कि बीजेपी की तरफ से सीएम कैंडिडेट कौन होगा, लेकिन आपका जवाब जो भी रहेगा, वह पूर्वानुमान के आधार पर ही रहेगा और एक बात का ध्यान रहे कि पूर्वानुमान के आधार पर कुछ भी अंतिम तौर पर कह पाना मुश्किल है। भारतीय राजनीति में कई ऐसे मौके रहे हैं, जब पूर्वानुमान गलत साबित हुए हैं, इसलिए कुछ भी कह जाना मुश्किल है, लेकिन इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि राजनीति में कयासों का अपना एक अलग ही जायका होता है। हर चीज को लेकर एक अलग कयास शुरू हो जाते हैं कि फलां पार्टी में फलां आदमी अध्यक्ष बनने जा रहा है, तो उसे ये बड़ी जिम्मेदारी दी जाने वाली है या फलां आदमी को उस पद से अपदस्थ करने की तैयारी चल रही है। मतलब, आप यूं समझ लीजिए कि भारत की आधी राजनीति तो कयासों पर ही आधारित है।
अगर कयास खत्म तो समझिए राजनीति खत्म। बस कुछ ऐसे ही कयास आजकल अपने मुहाने पर दस्तक दे चुके उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर लगाए जा रहे हैं। कयास इस बात को लेकर कि कौन-सी पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। कौन किसके साथ हाथ मिलाने जा रहा है। कौन किसे धूल चटाने वाला है। इस तरह के तमाम कयासों का सिलसिला शुरू हो चुका है,लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से सीएम प्रत्याशी कौन होगा? इसे लेकर चर्चा अपने चरम पर है, तो यहां हम आपको आपकी जानकारी के लिए बताते चले कि बीजेपी ने अनौपचारिक रूप से ही सही, लेकिन आने वाले चुनाव के लिए अपने सीएम चेहरे का ऐलान कर दिया है।
हम आपको उस सीएम चेहरे के बारे बताएंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि बीजेपी प्रदेश की सभी 75 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अब गठबंधन की नौका पर सवारी करने का मन बना चुकी है। जी हां.. बीजेपी ने आज यानी शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि वह निषाद पार्टी और अपना दल के साथ गठबंधन कर आने वाला चुनाव लड़ेगी।
BJP will contest the 2022 Assembly polls in alliance with Nishad Party under the leadership of CM Yogi Adityanath and PM Narendra Modi: UP BJP chief Swatantra Dev Singh in Lucknow pic.twitter.com/zzuJSCgkCP
— ANI UP (@ANINewsUP) September 24, 2021
इस बात का ऐलान खुद धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा है। प्रदेश के सभी वर्गों को साधने की दिशा में बीजेपी ने गठबंधन का दामन थामने का फैसला किया है। बीजेपी चाहती है कि हर वर्ग के लोगों का साथ उसे चुनाव में मिले इसके लिए वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है।
इस बीच जब प्रेसवार्ता में मौजूद धर्मेंद्र प्रधान से मीडिया ने यह सवाल किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी की तरफ से सीएम चेहरा कौन होगा, तो इस सवाल का जवाब धर्मेंद्र प्रधान ने बेहद सहजता से देते हुए कहा कि इस बात में कोई दोमत व दोराय नहीं है कि इस बार का चुनाव भी बीजेपी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के अगुवाई में ही लड़ेगी। धर्मेंद्र प्रधान के उक्त वक्तव्य से साफ है कि इस बार भी विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरा योगी आदित्यनाथ ही होने जा रहे हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि विगत विधानसभा चुनाव बीजेपी बिना किसी सीएम चेहरे के लड़ी थी। उन्होंने कहा, भाजपा का निषाद पार्टी के साथ गठबंधन है। हम 2022 का विधानसभा चुनाव और ताकत के साथ मिलकर लड़ेंगे।
अपना दल भी हमारे साथ जुड़ा है। मेरा विश्वास है कि भाजपा 2022 के चुनाव में हर समाज को गहराई से साथ लेने में सफल होगी: धर्मेंद्र प्रधान https://t.co/cPypwrqBFc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2021
हालांकि उस वक्त ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि दिनेश शर्मा को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन हुआ बिल्कुल इसके विपरीत। दिनेश शर्मा को परे रखकर योगी आदित्यनाथ के सिर सीएम का सेहरा बांध दिया गया था। जिसके बाद दिनेश शर्मा और योगी आदित्यनाथ के रिश्ते में खटास भी देखने को मिली थी। हालांकि, पार्टी आलाकमान ने दिनेश शर्मा की नाराजगी को कम करने के लिए उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दे दिया था, लेकिन वे न तो इस पेशकश से खुश हुए और न ही संतुष्ट, लेकिन उन्हें जो पद दिया गया वे उस पर यथावत बने रहे।
बीते दिनों हुई दिनेश शर्मा और योगी की मुलाकात
हालांकि, बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की पारस्परिक मुलाकात हुई थी। सीएम योगी खुद दिनेश शर्मा के आवास पर उनसे मुखातिब होने पहुंचे थे। दोनों के बीच हुई ये मुलाकात बेहद आत्यमीयतापूर्ण रही थी। सियासी गलियारों में यह मुलाकात काफी चर्चा में रही थी। बताया जाने लगा कि दोनों अपने रिश्ते में आई खटास को खत्म कर एक नई सियासी इबारत लिखने का मन बना रहे हैं, लेकिन यहां गौर करने वली बात यह है कि अब एक बार जब फिर से प्रदेश में चुनावी बिगुल बजने जा रहा हो तो क्या दिनेश शर्मा के जेहन में फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने की इच्छा पैदा नहीं होगी?
क्या वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब नहीं रखेंगे। फिलहाल, ये सवाल अभी सियासी गलियारों में काफी चर्चा में हैं। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपना रिएक्शन देते हुए नजर आ रहे हैं। अब ऐसे में आगे चलकर इन सवालों के क्या जवाब निकलकर सामने आते हैं। यह तो फिलहाल चुनाव के बाद ही पता लग पाएगा।