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Bharat Bandh: भारत बंद पर भानु प्रताप सिंह का बड़ा बयान, बताया आतंकी हरकत, टिकैत को भी सुनाई खरी-खोटी

Bharat Bandh: एक वीडियो के जरिए भानू प्रताप सिंह ने कहा कि, ”भारत हमारा है, हम सबका है। भारत बंद से अर्थवयवस्था पर असर पड़ेगाI किसानों पर भी इसका असर पड़ेगा। क्या राकेश टिकैत एंड कंपनी भारत बंद करके भारत में आतंकी गतिविधियों को और बढ़ाना चाहते हैं।”

नई दिल्ली। राकेश टिकैत और उनकी गैंग द्वारा पिछले कई महीनों से दिल्ली-यूपी और दिल्ली- हरियाणा की सीमा से जुड़ी कई सड़कों को बंद किया गया है।  किसान नेता राकेश टिकैत द्वारा लगातार भड़काऊ बयानबाजी जारी है। इसी बीच सोमवार 27 सितम्बर को कई किसान यूनियनों द्वारा भारत बंद का आव्हान किया गया है। गिनी-चुनी जगहों पर बंद का असर देखने को मिला तो “कुछ जगहों” पर किसान के नाम पर आंदोलन में शामिल लोगों ने गुंडागर्दी भी की। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने भारत बंद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है और बंद में शामिल लोगों खासकर राकेश टिकैत को आड़े हाथों लिया।

एक वीडियो के जरिए भानू प्रताप सिंह ने कहा कि, ”भारत हमारा है, हम सबका है। भारत बंद से अर्थवयवस्था पर असर पड़ेगाI किसानों पर भी इसका असर पड़ेगा। क्या राकेश टिकैत एंड कंपनी भारत बंद करके भारत में आतंकी गतिविधियों को और बढ़ाना चाहते हैं।” भानू प्रताप सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, “जिस तरह से अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया उसी तरह की गतिविधियों को ये (राकेश टिकैत गैंग) भारत में भी बढ़ाना चाहते है। मैं भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक, जिला, मंडल और प्रदेश के सभी पदाधिकारियों का आह्वान करता हूं कि भारत बंद का कोई सहयोग ना करे और इसका विरोध करें। ऐसे संगठन जो आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं उनको सरकार दबाने की कोशिश करें।”

आपको बता दें कि भानू प्रताप सिंह भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वे लगातार राकेश टिकैत के खिलाफ बयान देते रहते हैं। इससे पहले मार्च महीने में ही भानु प्रताप सिंह ने आंदोलन का आव्हान कर रहे किसान नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा था कि, “सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे संगठन कांग्रेस के खरीदे हुए और कांग्रेस के भेजे हुए लोग हैं। साथ ही कांग्रेस पार्टी पर फंडिंग करने का आरोप लगाया था। इस बात का पता हमें 26 जनवरी को ही चल गया था। जब हमें मालूम पड़ा कि इन्होंने 26 जनवरी को पुलिस पर हमला किया और लाल किले पर दूसरा झंडा फहराया है। उसी दिन हमने अपना समर्थन वापस ले लिया और यह संकल्प लिया कि हम इनके साथ नहीं रहेंगे और हम आंदोलन खत्म कर वापस चले आए।”