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Coonoor Chopper Crash: वायुसेना के क्रैश हेलीकॉप्टर का मिला ब्लैक बॉक्स, सामने आएगा हादसा से जुड़ा हर सच

Coonoor Chopper Crash: घटना में लगे बचावकर्मी की मानें तो, जहां ये घटना घटी वहां काफी पेड़ और घना एरिया होने के कारण भी बचाव कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ा। बचावकर्मियों को इस दौरान 12 लोगों की डेड बॉडी मिली थी जबकि 2 लोगों को जिंदा बचाया गया लेकिन वो काफी बुरी तरह से झुलसे हुए थे।

नई दिल्ली। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य लोगों की मौत के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की तलाश की जा रही थी।  तलाशी के दायरा को भी बढ़ाया गया था। बता दें, ब्लैक बॉक्स हेलीकॉप्टर की अंतिम उड़ान स्थिति और अन्य पहलुओं के बारे में डेटा बता सकता है। भले ही इसे ब्लैक बॉक्स कहा जाता है, लेकिन उड़ान डेटा रिकॉर्डर को चमकीले नारंगी रंग में रंगा जाता है और यह उड़ान डेटा और कॉकपिट वातार्लापों को रिकॉर्ड करता है। हेलिकॉप्टर के अवशेषों की आगे की फोरेंसिक जांच से यह भी पता चल सकता है कि क्या दुर्घटना के बाहरी कारण थे। इसके अलावा, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, वेलिंगटन, तमिलनाडु में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ भी उड़ान के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान कर सकते हैं। वहीं अब जानकारी मिल रही है कि सेना के क्रैश हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल गया है।

bipin rawat

बुधवार को, जनरल रावत और उनकी पत्नी सहित 14 लोगों के साथ भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने सुलूर हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, जो कुन्नूर में उतरने से कुछ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तमिलनाडु के कुन्नूर में बीते दिन सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में देश ने अपने सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी शामिल थीं। सेना के हेलिकॉप्टर के दुर्घनाग्रस्त होने की जानकारी जैसे ही लोगों को लगी मानों सभी की धड़कनें रूक सी गई थी। हर कोई बस यहीं प्रार्थना कर रहा था कि हेलिकॉप्टर में मौजूद बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत अन्य 11 लोग सुरक्षित हो और उन्हें बचाया जा सके लेकिन कहते हैं न होनी को कोई नहीं रोक सकता। इस दर्दनाक हादसे ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए गम का माहौल बना दिया।

दुर्घटनास्थल के पास पेड़ होने से बचाव कार्यों में देरी

घटना में लगे बचावकर्मी की मानें तो, जहां ये घटना घटी वहां काफी पेड़ और घना एरिया होने के कारण भी बचाव कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ा। बचावकर्मियों को इस दौरान 12 लोगों की डेड बॉडी मिली थी जबकि 2 लोगों को जिंदा बचाया गया लेकिन वो काफी बुरी तरह से झुलसे हुए थे।