नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर 15 जून की घटना के बाद जिस तरह से भारतीय सेना की पकड़ बॉर्डर एरिया में बढ़ाई गई है। उससे चीन पहले से ही घबराया हुआ है। चीन इस सब को लेकर वहां की मीडिया का इस्तेमाल कर लगातार भारत को धमकी देने की कोशिश कर रहा है। लेकिन भारत की तरफ से जिस तरह से उसको उसकी धमकी का जवाब दिया जा रहा है उससे वह सकते में है।
लद्दाख में LAC पर भारतीय सेना और चीनी PLA आमने सामने खड़ी हैं। दोनों देशों की बीच तनाव चरम पर है। लद्दाख में जारी इस तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने एक ऐसा फैसला किया है जो चीन को पसंद नहीं आएगा। सोमवार को गृह मंत्रालय में भारत चीन बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर एक बड़ी बैठक हुई। जिसमें तय किया गया है कि चीन सीमा पर बनाई जा रही सड़कों में तेजी लाने का किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर कुल 73 सड़कें बनायी जा रही है। गृह मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि इन सड़कों के निर्माण कार्य को सारी एजेंसियों के सहयोग से जल्द पूरा करने को कहा गया है। बैठक में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी BRO,ITBP, CPWD और गृह मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे। सरकार का कहना है कि इनमें से कम से कम 32 सड़कों का काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया। इसके लिए एक विस्तृत योजना भी बना ली गई है।
चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान नदी पर एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल का निर्माण पूरा कर लिया है। सरकार के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस पुल का निर्माण भी क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आक्रामक रुख के कारणों में से एक है जिनकी वजह से दोनों पक्षों के बीच छह सप्ताह से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
क्षेत्र में 60 मीटर लंबा यह पुल श्योक और गलवान नदियों के संगम से पूर्व में करीब चार किलोमीटर दूर स्थित है और सकरे पर्वतीय क्षेत्र को श्योक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग से जोड़ता है। सूत्रों ने कहा कि यह पुल क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की जल्द आवाजाही में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि यह सोमवार रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प वाली जगह से बहुत दूर नहीं है।