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BRS Neta Weeps: किसी नेता को रोते देखा है कभी?, Video देखकर जानिए आखिर तेलंगाना में क्यों रो पड़े बीआरएस के ये नेताजी

तेलंगाना में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बनने के बाद से यहां बीआरएस (पहले टीआरएस) की ही सरकारें बनती रही हैं। चंद्रशेखर राव ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठजोड़ कर रखा है।

जनगांव (तेलंगाना)। बीते दिनों तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सुप्रीमो और सीएम के. चंद्रशेखर राव ने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान किया था। तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों में से चंद्रशेखर राव ने 115 प्रत्याशियों के नाम की लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट के मुताबिक चंद्रशेखर राव इस बार खुद 2 सीटों से विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने वाले हैं। बीआरएस के तमाम नेताओं को उम्मीद थी कि उनका नाम भी प्रत्याशियों की लिस्ट में जरूर आएगा। कुछ का नाम आया और कुछ बीआरएस नेताओं का नाम चंद्रशेखर राव ने लिस्ट में नहीं रखा। अब नेता तो चुनाव लड़ने और सत्ता तक पहुंचने के लिए लालायित रहते ही हैं। जाहिर तौर पर अगर प्रत्याशियों की लिस्ट में नाम न दिखे, तो उनको कष्ट होना लाजिमी ही है। ऐसे ही एक बीआरएस नेता का वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है। क्योंकि नेताओं की आंखों में आंसू कम ही देखा जाता है।

brs leader thatikonda rajaiah 1

बीआरएस के इन नेताजी का नाम है थतीकोंडा राजैया। थतीकोंडा राजैया को बहुत उम्मीद थी कि तेलंगाना के घनपुर निर्वाचन क्षेत्र से उनको बीआरएस का टिकट मिल जाएगा। जब लिस्ट जारी हुई, तो राजैया ने अपना नाम 115 लोगों की लंबी चौड़ी लिस्ट में खूब तलाशा। राजैया का दिल उस वक्त टूट गया, जब उन्होंने देखा कि चंद्रशेखर राव ने उनको विधानसभा चुनाव लड़ने के लायक ही नहीं समझा है। लिस्ट में अपना नाम न देखकर थतीकोंडा राजैया का दुख का बांध टूट गया। वो अपने समर्थकों के साथ एक मंदिर में पहुंचे। वहां साष्टांग प्रणाम किया और भल-भलाकर रो दिए। थतीकोंडा को रोते देख उनके समर्थक भी काफी गमगीन हो गए। उन्होंने थतीकोंडा राजैया को उठाया और सहारा दिया। देखिए टिकट कटने पर किस तरह राजैया ने अपने आंसू बहाए।

तेलंगाना में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बनने के बाद से यहां बीआरएस (पहले टीआरएस) की ही सरकारें बनती रही हैं। चंद्रशेखर राव ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठजोड़ कर रखा है। ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन भी गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतते रहे हैं। अब सबकी नजर इस पर है कि इस बार चंद्रशेखर राव अपनी पार्टी की क्या तीसरी बार सरकार बनाने में सफल होते हैं या नहीं।