लखनऊ। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर एक बार फिर निशाना साधा है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की वोटिंग 5 अक्टूबर को होनी है। इससे पहले मायावती ने कांग्रेस पर दलितों की लगातार उपेक्षा का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि जब कांग्रेस में अभी सब कुछ गलत है, तो आगे क्या होगा। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता आरक्षण को समय आने पर खत्म करने की बात करती है। मायावती ने अपील की है कि दलित एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही वोट दें। क्योंकि उनकी पार्टी ही दलितों के हित, कल्याण और संवैधानिक हक दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है।
1. हरियाणा में हो रहे विधानसभा आमचुनाव के दौरान भी कांग्रेस द्वारा दलितों की लगातार की जा रही उपेक्षा व तिरस्कार से यह साबित है कि पार्टी में जब अभी सब कुछ ठीक नहीं है, गलत है तो आगे क्या होगा? ऐसे में दलित समाज के लोग कांग्रेस व बीजेपी आदि को अपना वोट देकर इसे खराब न करें। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) September 29, 2024
2. वैसे भी हमेशा आरक्षण विरोधी रही कांग्रेस के नेता अब आरक्षण को समय आने पर खत्म करने की बात करते हैं। अतः दलित अपना वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें क्योंकि यही पार्टी उनके हित व कल्याण की सुरक्षा तथा संवैधानिक हक दिलाकर उन्हें शासक वर्ग बनाने के लिए लगातार संघर्षरत है। 2/3
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3. साथ ही, जम्मू-कश्मीर में दलित वर्ग के लोगों को भी वहाँ कांग्रेस, भाजपा व अन्य किसी भी गठबंधन आदि के मिथ्या वादे व अन्य बहकावे आदि में नहीं आना है बल्कि इनके दलित विरोधी इतिहास को ध्यान में रखते हुए अपना कीमती वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें, यही सभी से पुरज़ोर अपील। 3/3
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मायावती ने दरअसल काफी समय से कांग्रेस को घेरना जारी रखा है। लगातार वो एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस को घेरती हैं। बीजेपी को भी मायावती निशाने पर रखती हैं। अपने ताजा पोस्ट में उन्होंने कांग्रेस के साथ बीजेपी पर भी निशाना साधा है। हालांकि, कांग्रेस के नेता हमेशा ये आरोप लगाते हैं कि मायावती और बीजेपी में साठगांठ है और बीजेपी के इशारे पर ही मायावती कांग्रेस पर निशाना साधती रहती हैं। बता दें कि मायावती एक जमाने में दलितों की सर्वमान्य नेता के तौर पर स्थापित हो गई थीं, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव से उनकी पार्टी का पराभव होना शुरू हुआ। यहां तक कि मायावती को 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने सबसे बड़े दुश्मन समाजवादी पार्टी से हाथ तक मिलाना पड़ा। हालांकि, मायावती ने चुनाव नतीजे आने के कुछ दिन बाद समाजवादी पार्टी से फिर किनारा कर लिया।
इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसी खबरें आईं कि विपक्ष ने मायावती की बीएसपी को भी अपने गुट में शामिल करने के लिए बात की थी, लेकिन ऐसी चर्चाओं को मायावती ने सिरे से खारिज कर दिया और अकेले दम पर लोकसभा का चुनाव उन्होंने लड़ा। हालांकि, लोकसभा चुनाव में बीएसपी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो सकी। अब मायावती हरियाणा में बीएसपी की जीत के प्रति आशा से भरी हैं। वहां, उन्होंने आईएनएलडी से गठबंधन किया है।