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Supertech Twin Tower: 15 सेकेंड में ध्वस्त हो जाएगी कुतुबमीनार से ऊंची इमारत, 35,000 घन मीटर निकलेगा मलबा, जानिए कैसे की गई तैयारी

Supertech Twin Tower: परियोजना के अधिकारियों के अनुसार, विस्फोटकों में डेटोनेटर्स, रासायनिक मिश्रण और शॉक ट्यूब शामिल हैं, जिनमें ‘जैल’ या पाउडर रूप में विस्फोटक सामग्री मौजूद होती है। एक अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये विस्फोटक केवल कंक्रीट तोड़ने में ही सक्षम होते हैं, जब तक इन्हें बड़ी तादाद में एक साथ न इस्तेमाल न किया जाए।  

नई दिल्ली। सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण की जिम्मेदारी मुंबई स्थित कंपनी ‘एडिफिस इंजीनियरिंग’ ने उठा रखी है, जो दक्षिण अफ्रीका की अपनी साझेदारी कंपनी ‘जेट डिमोलिशंस’ के साथ मिलकर ये काम पूरा करेगी। कंपनी का ये हुनर दुनिया में सिविल इंजीनियरिंग के सबसे बड़े कारनामों में से एक माना जाता है। एडिफिस इंजीनियरिंग के ऑफिसर उत्कर्ष मेहता ने ट्विन टॉवर के ध्वस्तीकरण की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि ‘सभी विस्फोटकों में धमाका होने में करीब 9-10 सेकेंड का समय लगेगा। जोरदार आवाज वाले इस धमाके के बाद भी इमारतें एक बार में नहीं गिरेंगी, बल्कि उन्हें पूरी तरह मलबे के ढेर में तब्दील होने में करीब 4-5 सेकेंड का समय लग जाएगा। वहीं, इससे उठने वाले धूल के गुब्बार को छंटने में लगभग 10 मिनट का समय लगेगा।’ परियोजना के अधिकारियों के अनुसार, ‘विस्फोटकों में डेटोनेटर्स, रासायनिक मिश्रण और शॉक ट्यूब शामिल हैं, जिनमें ‘जैल’ या पाउडर रूप में विस्फोटक सामग्री मौजूद होती है। एक अन्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘ये विस्फोटक केवल कंक्रीट तोड़ने में ही सक्षम होते हैं, जब तक इन्हें बड़ी तादाद में एक साथ न इस्तेमाल न किया जाए।’

बताया जा रहा है कि एपेक्स (32 मंजिला) और सियान (29 मंजिला) इमारतों के गिरने से तकरीबन 35,000 घन मीटर मलबा और धूल का गुबार उत्पन्न होगा, जिसके निपटान के लिए 21,000 घन मीटर मलबे को पांच से छह हेक्टेयर की एक निर्जन जमीन पर फेंका जाएगा और उसके बाद बचे मलबे का इस्तेमाल ट्विन टावर के भूतल क्षेत्र में कंपन को कम करने के लिए बनाए गए गड्ढे को भरने के लिए किया जाएगा। ऑफिसर मेहता ने जानकारी दी कि ‘इस मलबे को साफ करने के लिए ट्रक को करीब 1,200 से 1,300 फेरे लगाने पड़ेंगे। मेहता ने आगे कहा कि ‘डिमोलिशंस का दल पिछले एक सप्ताह से नोटिस कर रहा है कि हवा का रूख और प्रवाह पश्चिम दिशा की ओर है। अगर हवा की यही प्रवृत्ति बनी रही तो ज्यादातर धूल ट्विन टावर के आगे के हिस्से की ओर यानी सड़क के खुले हुए हिस्से की ओर जाएगी। इस मलबे में धूल मिट्टी के अतिरिक्त तकरीबन 4,000 टन लोहा और इस्पात भी निकलेगा, जिससे एडिफिस ध्वस्तीकरण की लागत वसूली जाएगी।’

ट्विन टावर को क्यों किया जा रहा ध्वस्त?

सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के इन ट्विन टावरों के विषय में कहा था कि ‘इनका निर्माण नियमों का उल्लंघन करके किया गया है।’ इसके बाद कोर्ट ने इन इमारतों को अवैध करार देते हुए इन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया था, जिसे 28 अगस्त को पूरा किया जाएगा।