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Noida Twin Towers Demolition: जमींदोज हुई गगनचुंबी सुपरटेक ट्विन टावर, चंद सेकेंड में ढह गई भ्रष्टाचार की इमारत

Noida Twin Towers Demolition: नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर्स आज दोपहर 2:30 बजे के करीब जमींदोज कर दिया गया। गगनचुंबी सुपरटेक ट्विन टावर को 6 महीने कि मशक्कत के बाद आज फाइनली गिरा दिया गया है। तमाम तरह के एहतियातों के बीच इस विध्वंश को अंजाम तक पहुंचाया गया।

नई दिल्ली। नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर्स आज दोपहर 2:30 बजे के करीब जमींदोज कर दिया गया। गगनचुंबी सुपरटेक ट्विन टावर को 6 महीने कि मशक्कत के बाद आज फाइनली गिरा दिया गया है। तमाम तरह के एहतियातों के बीच इस विध्वंश को अंजाम तक पहुंचाया गया।

जमींदोज हुई गगनचुंबी सुपरटेक ट्विन टावर 

गगनचुंबी सुपरटेक ट्विन टावर को 6 महीने कि मशक्कत के बाद आज फाइनली गिरा दिया गया है। भ्रष्टाचार की ये इमारत चंद सेकेंड में मिट्टी में मिल गई।’

सारी स्थिति सामान्‍य है, विध्‍वंस से पहले बोले कमिश्‍नर

नोएडा में ट्विन टावरों का विध्वंस शुरू होने से पहले एनडीआरएफ की टीम अपने अंतिम चरण की तैयारी कर रही है। कैनाइन वॉरियर्स को भी लाया गया है। नोएडा के पुलिस कमिश्‍नर आलोक कुमार ने ANI से कहा कि ‘अभी तक सारी स्थिति सामान्य है। हम पूरी तरह से तैयार हैं और हम काउंटडाउन की ओर बढ़ रहे हैं।’

ट्विन टावर विध्‍वंस के बाद 3-4 दिन तक हवा में बने रहेंगे छोटे कण

सुपरटेक के ट्विन टावर्स ध्वस्त होने के बाद धूल अगले तीन से चार दिनों तक लोगों को परेशान कर सकती है। इससे बचने के लिए बच्चों और बुजुर्गो को मास्क लगाने की जरूरत पड़ेगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रफेसर विपुल सिंह नें बताया, इमारत गिरने के बाद दो तरह की धूल हवा में उड़ेगी। धूल के मोटे कण तुरंत जमीन पर गिर जाएंगे लेकिन जो छोटे छोटे कण होंगे वह हवा में लम्बे वक्त तक रहेंगे क्यूंकि हवा भी चल रही है।

ट्विन टावर को गिराने से पहले Edifice कंपनी ने की महापूजा

नोएडा में ट्विन टावर गिराने से पहले एडिफाइस कंपनी की महापूजा हुई। बाकायदा पंडित को बुलाकर हवन पूजन किया गया। ट्विन टावर गिराने के लिए की गई इस पूजा में 6 लोग मौजूद थे जिसमें कंपनी के डायरेक्टर उत्कर्ष मेहता समेत उनकी टीम के लोग शामिल हुए। पूजा करीब 1 घंटे चली।

नोएडा: ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक से ढहाए जाएंगे ट्विन टावर्स

नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को 15 सेकंड से भी कम समय में ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक से ढहा दिया जाएगा। इसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग किया जाएगा। विस्फोट के वक्त घटनास्थल के ऊपर एक समुद्री मील के दायरे में हवाई क्षेत्र भी कुछ समय के लिए उड़ानों के वास्ते बंद रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ट्विन टावर्स गिराने का आदेश

ट्विन टावर में एक 103 मीटर ऊंचा है तो दूसरा टावर 97 मीटर ऊंचा है, इन दोनों टावर को गिराने के लिए सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी। पहले यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा तो उसके बाद यह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। दोनों अदालतों ने इस टावर को गिराने का आदेश दिया था।

ट्विन टावर गिराए जाते समय ढोल-नगाड़े बजेंगे

पार्श्‍वनाथ सोसायटी के बाहर ढोल-नगाड़े मौजूद हैं। IANS के अनुसार, पार्श्‍वनाथ और एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के लोग ट्विन टावर के गिरने का जश्न मनाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। एमराल्ड कोर्ट के 200 लोगों के लिए पार्श्‍वनाथ सोसाइटी ने अपने क्लब हाउस और गेस्ट हाउस में व्यवस्था की है जो सुबह से लेकर शाम तक वहीं रहेंगे, उनके खाने-पीने की तैयारी सोसायटी के लोगों ने की है। एमराल्ड कोर्ट के 200 लोगों के लिए सिल्वर सिटी सोसाइटी ने भी रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की है। सुबह के वक्त लोग वहां पर शिफ्ट हो रहे हैं और शाम तक वहीं रहेंगे। जब ट्विन टावर गिरने के बाद एडिफाइस कंपनी के लोग एमराल्ड कोर्ट के लोगों को आने के लिए हरी झंडी दिखा देंगे, तब वे अपने घर लौटेंगे।

प्रदूषण मापने को लगी डस्‍ट मशीन

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को आज गिराया जाएगा। विध्वंस के बाद प्रदूषण स्तर की निगरानी के लिए विध्वंस स्थल पर स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई है। निजी अस्पताल के फिजिशन डॉ. एके शुक्ला ने बताया कि कोई भी बिल्डिंग जब बनती है तो वह सीमेंट, रेता और लोहे से बनती है। इन तीनों चीजों से बनी बिल्डिंग जब टूटती है तो इनमें तमाम गैसें निकलती हैं। गैसों का प्रकोप इतना अधिक होता है कि 300 से 400 मीटर के एरिया में ऑक्सिजन की कमी हो सकती है। इससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड गैस सेहत के लिए नुकसानदायक है। इसके अलावा धूल के कण इतने छोटे होंगे कि वह दिखाई नहीं देंगे। ऐसे में आंख का इन्फेक्शन, हार्ट के मरीजों को उलझन, बेचैनी, अस्थमा के मरीजों को सांस की समस्या, गर्भवतियों के बच्चे पर भी असर पर सकता है।
नोएडा ट्विन टावर: आसपास की इमारतों में गैस और पावर सप्‍लाई बंद
नोएडा अधिकारियों के अनुसार, ट्विन टावर्स के आसपास की सोसायटीज को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। इन सोसायटीज की कुकिंग गैस और पावर सप्‍लाई काट दी गई है। सभी निवासियों को निकाल लिया गया है। निजी गार्ड्स दोपहर करीब 1 बजे निकलेंगे।
सायरन की आवाज का सन्नाटा तोड़ेंगे धमाके
ट्विन टावर के आसपास दोपहर 1 बजे के बाद 1 से डेढ़ किमी की दूरी में कोई मूवमेंट नहीं दिखेगा। सिर्फ एजेंसी की टीम रहेगी। सन्नाटे में दोपहर 2.15 बजे से तेज आवाज के साथ सायरन बजेगा। सायरन की खतरे भरी आवाज 2.30 बजे होने वाले धमाके के साथ बंद होगी। 2650 कॉलम में ब्लॉस्ट 9 से 12 सेकंड में होंगे। हर एक ब्लॉस्ट के बीच सेकंड के 200 वें हिस्से से लेकर मिली सेकंड का अंतर तय है। इसलिए यह सामान्य तौर पर नहीं पता चल पाएगा कि कितने ब्लॉस्ट हुए हैं। सिर्फ पहले ब्लॉस्ट की आवाज सुनाई देगी।
100% सेफ्टी के साथ ब्लास्ट का दावा
नोएडा के ट्विन टावरों को कंट्रोल ब्लास्ट के जरिए गिराने की जिम्मेदारी एडिफाइस नाम की एजेंसी को दी गई है। एडिफाइस के प्रोजेक्ट मैनेजर से जब पूछा गया कि वह टावरों को सुरक्षित तरीके से गिराने के प्रति कितने आश्वस्त हैं तो उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत। टावरों को गिराने के दौरान सुरक्षा इंतजाम, साफ-सफाई, ट्रैफिक डायवर्जन, विस्फोट और मलबे से उठने धूल से निपटने की तैयारियां संबंधित विभागों ने की हैं।
लगभग 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और NDRF की टीम तैनात है। ट्रैफिक डायवर्जन प्वाइंट सक्रिय हैं। विस्फोट से ठीक पहले दोपहर करीब 2.15 बजे एक्सप्रेस-वे को बंद किया जाएगा। ब्लास्ट के आधे घंटे बाद और धूल जमने के बाद इसे खोल दिया जाएगा। इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे हैं।
आज दोपहर 2:30 बजे और सेकेंडों में धराशाई हो जाएगी नोएडा सुपरटेक की यह विशाल इमारत
आज का दिन रविवार समय दोपहर 2 बजकर 30 मिनट। जहां एक ओर एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर रोमांच चरम पर होगा। वहीं उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक ट्विन टॉवर जमींदोज हो जाएगा। विस्फोट के लिए तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। इस विशाल बिल्डिंग को गिराने के लिए ब्लैक बॉक्स यानि डायनमो की जरूरत पड़ेगी। यह बॉक्स भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता के हाथों में होगी। उनके ग्रीन बटन दबाते ही एक के बाद एक कई ब्लास्ट होंगे और ट्विन टॉवर ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगा। इन सबके बीच आपके मन में एक सवाल जरूर उठा होगा कि टॉवरों में लगे बारूद तक यह करंट पहुंचेगा कैसे। क्या कोई तार इन बारूदों से अटैच है। आपके सवाल का आसान जवाब हम अगली लाइन में बताते हैं।