चंडीगढ़। हरियाणा के नूंह में पिछले दिनों सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने दंगाइयों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाए थे। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस बुलडोजर कार्रवाई का खुद संज्ञान लिया था और 2 जजों की बेंच ने कहा था कि ये एकपक्षीय कार्रवाई लग रही है। अब इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई हो रही है। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट को बताया कि उसने नूंह में किसी का धर्म देखकर घर पर बुलडोजर नहीं चलाया है। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि अगर मुस्लिम समुदाय के अवैध घरों को तोड़ा गया है, तो हिंदुओं के घरों को भी बुलडोजर से जमींदोज किया गया है।
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में बताया है कि उसने 7 अगस्त तक 443 अवैध निर्माण बुलडोजर से गिराए हैं। इससे 354 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित लोगों में 281 मुस्लिम और 71 हिंदू समुदाय के हैं। गुरुग्राम में तो जो भी अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए, वे सभी हिंदुओं के ही थे। हरियाणा सरकार के इस जवाब को हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री में दाखिल करने को कहा है। शुक्रवार को नूंह हिंसा पर कोर्ट में कई मामलों की सुनवाई होनी थी। ऐसे में जब हरियाणा सरकार की तरफ से जवाब दिया गया, तो कोर्ट ने इसे तुरंत लेने से इनकार कर दिया था। अगली सुनवाई में अब कोर्ट में ये रिकॉर्ड पर आ सकता है।
नूंह हरियाणा के मेवात में आता है। यहां मुस्लिम समुदाय की आबादी 79.20 फीसदी है। जबकि, 20.37 फीसदी हिंदू रहते हैं। 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से नूंह प्रभावित हुआ था। हिंसा की आग गुरुग्राम, पलवल वगैरा तक फैल गई थी। हालात को कंट्रोल में करने के लिए नूंह समेत सभी जगह केंद्रीय बलों को तैनात किया गया। इसके बाद ही दंगाइयों की अवैध संपत्ति पर हरियाणा सरकार ने बुलडोजर एक्शन शुरू किया था।