newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Election Commission Jolt To Aam Admi Party: चुनाव आयोग ने कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगाकर आम आदमी पार्टी को दिया झटका, केजरीवाल की मंत्री आतिशी भड़कीं

Election Commission Jolt To Aam Admi Party: दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग में अदालतों पर सवाल उठाए गए हैं। जबकि ऐसा नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग की मीडिया प्रमाणन और निगरानी कमेटी ने आम आदमी पार्टी से कहा है कि वो कैंपेन सॉन्ग में संशोधन करे।

नई दिल्ली। एक तरफ अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और अब तक छूट नहीं पाए हैं। वहीं, अब चुनाव आयोग से उनकी आम आदमी पार्टी को जोर का झटका लगा है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगा दी है। 2 मिनट का कैंपेन सॉन्ग आम आदमी पार्टी ने जारी किया था। इस गीत को पार्टी के विधायक दिलीप पांडेय ने लिखा है। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगाए जाने को केंद्र सरकार की तानाशाही बताया है।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग को केबल प्रोग्राम कोड का उल्लंघन बताया है। आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग का शीर्षक ‘जेल का जवाब वोट से’ है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग में अदालतों पर सवाल उठाए गए हैं। जबकि ऐसा नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग की मीडिया प्रमाणन और निगरानी कमेटी ने आम आदमी पार्टी से कहा है कि वो कैंपेन सॉन्ग में संशोधन करे। संशोधन के बाद पार्टी फिर इस कैंपेन सॉन्ग को मंजूरी देने का आवेदन कर सकेगी। अगर आम आदमी पार्टी इस आदेश से सहमत नहीं, तो सीईओ की अध्यक्षता में बनी राज्यस्तरीय कमेटी में चुनौती दे सकती है।

वहीं, चुनाव आयोग से कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगाए जाने के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि चुनाव आयोग को जेल का जवाब वोट से पर आपत्ति है और ये सरासर गलत है। आतिशी ने कहा कि इस सॉन्ग में कोई भी आपत्तिजनक बात नहीं है। इससे आचार संहिता का उल्लंघन भी नहीं हो रहा। आतिशी ने कहा कि सॉन्ग में जो भी पिक्चर हैं, वे सच हैं। आतिशी ने कहा कि चुनाव आयुक्त टीएन शेषन थे, तब उन्होंने संस्था की मर्यादा को ज्यादा बढ़ाया था। आतिशी ने कहा कि चुनाव आयोग ऐसा काम न करे, कि आने वाले वक्त में ये कहा जाए कि 2024 के चुनाव में लोकतंत्र खत्म हो गया। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को केंद्र की तानाशाही से भी जोड़ा।