सदफ जाफर, एस. आर. दारापुरी जेल से रिहा, संघर्ष जारी रखेंगे

सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एस. आर. दारापुरी को मंगलवार सुबह लखनऊ जिला जेल से रिहा किया गया।

Avatar Written by: January 7, 2020 2:58 pm
Sadaf Jafar SR Darapuri

लखनऊ। सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एस. आर. दारापुरी को मंगलवार सुबह लखनऊ जिला जेल से रिहा किया गया। दोनों को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उन्हें शनिवार को ही जमानत दे दी थी, मगर कुछ औपचारिकताओं के कारण उनकी रिहाई में देरी हुई।Sadaf Jafar SR Darapuriजेल से रिहा होने के बाद दोनों कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे और सीएए के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा।

उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध को सांप्रदायिक रंग देने और निर्दोष व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को दोषी ठहराया।Sadaf Jafar SR Darapuri

जाफर ने कहा, “मेरा एकमात्र डर यही था कि मैं एक अकेली मां के रूप में मेरे छोटे बच्चों से दूर रही। मैं पुलिस द्वारा क्रूरतापूर्वक मारपीट करने से भी आशंकित थी। अब मेरे दोनों डर खत्म हो गए हैं। योगी सरकार ने सारा डर निकाल दिया।”

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस ने उनके बच्चों की देखभाल की है, वह खुश हैं।


सदफ ने सीए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में हुई हिंसा के लिए पुलिस को दोषी ठहराया और कहा कि विरोध के दौरान सभी पुलिस स्टेशन ब्लैक होल में बदल गए।


उन्होंने कहा, “मुझे गिरफ्तार किया गया और पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटा गया था। मुझे पेट में मारा गया और पुरुष पुलिस अधिकारी द्वारा मेरे बाल खींचे गए।”Sadaf Jafar SR Darapuri

दारापुरी ने भी सदफ और अन्य निर्दोषों के खिलाफ पुलिस के कथित अत्याचारों की निंदा की।

उन्होंने कहा, “जो गिरफ्तार किए गए लोग हिंसा में लिप्त थे, पुलिस को उनसे संबंधित सबूत और वीडियो पेश करने चाहिए।”Sadaf Jafar SR Darapuri

पूर्व आईपीएस अफसर दारापुरी ने कहा कि उन्होंने 32 वर्षों तक एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया है, लेकिन इतनी क्रूरता कभी नहीं देखी।Sadaf Jafar SR Darapuri

उन्होंने कहा, “सरकार लोगों की आवाज को दबा नहीं सकती है। सीएए असंवैधानिक है। हम संशोधित नागरिकता कानून का विरोध जारी रखेंगे।”

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