कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में सोमवार रात 8 लोगों को जिंदा जलाकर मारने की घटना में राज्य की ममता बनर्जी सरकार मुश्किल में पड़ती दिख रही है। इस मामले में आज दोपहर तक ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट में रिपोर्ट देनी है। रामपुरहाट के बागडुई में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद हिंसा हुई थी। इसमें 2 बच्चों समेत 8 लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया था। कई लोग इस घटना में गंभीर रूप से झुलसे हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में कहा है कि वो मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार है। राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने भी राज्य से रिपोर्ट मांगी है।
इस घटना में मारे गए लोगं के परिजनों का आरोप है कि रामपुर एक नंबर प्रखंड के टीएमसी अध्यक्ष अनारुल हुसैन ने हिंसा कराई। उनका आरोप है कि पुलिस को सब पता था, लेकिन उसने किसी को बचाने की कोशिश नहीं की। रात को सभी शवों को दफना दिया गया। लाशें इतनी जल गई थीं कि सिर्फ 6 लोगों मीना बीबी, नूरनिहार बीबी, रूपाली बीबी, बानी शेख, मिहिर शेख और नेकलाल शेख की लाशों की ही पहचान की जा सकी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस घटना का खुद संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की बेंच ने इस बारे में सीबीआई जांच कराने के लिए केंद्र के अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल से भी पूछा।
कोर्ट इस मामले में कितना सख्त है, ये इसी से पता चलता है कि उसने जांच के लिए दिल्ली की सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब की टीम को निर्देश दिया है। साथ ही सभी घायलों और गवाहों की सुरक्षा के आदेश भी दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से ये भी पूछा है कि पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी की गई या नहीं। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राज्य सरकार से पूछा है कि पूरी घटना किस तरह हुई। कुल मिलाकर ममता बनर्जी की सरकार चौतरफा घिरती दिख रही है।