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क्या ममता बनर्जी की बढ़ेंगी मुश्किलें?, चुनाव बाद हुई हिंसा मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट गुरुवार को सुनाएगा फैसला

Bengal Post Poll Violence : इससे पहले चुनावी हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में मंगलवार को ही सुनवाई पूरी हो गई थी। ऐसे में उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिसे गुरुवार को सुनाएगा।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति के लिए 18 अगस्त काफी अहम दिन माना जा रहा है। बता दें कि इसी साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह से राज्य में हिंसा हुई थी उसको लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। ऐसे में अब गुरुवार(18 अगस्त) को कलकत्ता हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। बता दें कि इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों पार्टियों की नजर होगी। वहीं इससे पहले चुनावी हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में मंगलवार को ही सुनवाई पूरी हो गई थी। ऐसे में उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिसे गुरुवार को सुनाएगा। बता दें कि हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में यदि कोई चाहे तो बुधवार दोपहर 2.30 बजे तक अदालत के समक्ष दस्तावेज पेश कर सकता है।

बता दें कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद नतीजों में सत्तारूढ़ टीएमसी की प्रचंड जीत मिली थी। उसके बाद से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा व आगजनी का दौर शुरू हो गया था। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की ममता बनर्जी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। टीम ने 15 जुलाई को कलकत्ता हाईकोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और सीबीआई जांच की भी सिफारिश की थी।

गौरतलब है कि इस मामले में NHRC की रिपोर्ट में कहा गया कि बंगाल के तमाम जिलों में हिंसा की व्यापक घटनाएं हुई और इन्हें रोकने में सरकारी तंत्र पूरी तरह नाकाम रहा। टीम ने हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि चुनाव बाद हुई हिंसा की सीबीआई जांच कराई जाये। इसके अलावा सभी मामलों के मुकदमे पश्चिम बंगाल से बाहर करने, गवाहों को सुरक्षा देने, मामलों की मॉनीटरिंग, पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाने की भी सिफारिश की थी।

nhrc

बता दें कि NHRC ने अपने 50 पेज की रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार के तंत्र को पूरी तरह नाकाम बताया था। रिपोर्ट में पांच जिलों का उदाहरण देते हुए बताया था कि किस तरह यहां हिंसा का तांडव किया गया, लेकिन पुलिस ने पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कुछ नहीं किया। ऐसे में जिस तरह से राज्य सरकार के खिलाफ रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल की गई है, उससे 18 अगस्त को ममता सरकार पर बड़ा फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है।