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Delhi: गृहमंत्री अमित शाह ने पढ़ाया विपक्ष को मानवाधिकार का पाठ, UAPA कानून पर आरोपों की काट में दिए आंकड़े

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए एलान किया कि मोदी सरकार अपने देश के नागरिकों के लिए खुद की जिम्मेदारी को बखूबी समझती है और कानून का पालन करने वाले हर देशवासी की रक्षा करना उसका फर्ज है।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए एलान किया कि मोदी सरकार अपने देश के नागरिकों के लिए खुद की जिम्मेदारी को बखूबी समझती है और कानून का पालन करने वाले हर देशवासी की रक्षा करना उसका फर्ज है। अमित शाह ने विपक्ष को मानवाधिकार का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को भी आंकड़े देकर गलत बताया कि देश में कठोर यूएपीए कानून के तहत लोगों पर केस हो रहे हैं। अमित शाह ने दंड प्रक्रिया शिनाख्त विधेयक 2022 पर वोटिंग से पहले चर्चा का जवाब देते हुए ये सारी बातें कहीं।

अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष की तरफ से उठाए गए मानवाधिकार के सवाल पर कहा कि जो लोग दंड प्रक्रिया शिनाख्त बिल The Criminal Procedure (Identification) Bill, 2022 पर चर्चा के दौरान मानवाधिकारों की दुहाई दे रहे थे, उनसे वो पूछना चाहते हैं कि जो अपराधियों से प्रताड़ित होते हैं, क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं। अमित शाह ने ऐसे सवाल उठाने वाले विपक्ष के नेताओं को आईना दिखाते हुए साफ तौर पर कहा कि आपको सिर्फ अपराधियों की चिंता है, मोदी सरकार को कानून के आधार पर जीने वाले लोगों की चिंता है।

बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से आरोप लगाया गया था कि आतंकवाद के खिलाफ लाए गए कठोर यूएपीए कानून का दुरुपयोग हो रहा है और बहुत मामले इस कानून के तहत दर्ज हुए हैं। अमित शाह ने सदन में ऐसे आरोप लगाने वाले विपक्ष के नेताओं को आंकड़े देते हुए चुप करा दिया। उन्होंने साल 2016 से लेकर 2021 तक देश में दर्ज कुल केस और यूएपीए के तहत दर्ज केस के आंकड़े पेश किए। इन आंकड़ों से साफ हो गया कि हर साल दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों में से 1 फीसदी भी यूएपीए के नहीं हैं।