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NEET UG Paper Leak Case: नीट यूजी परीक्षा दोबारा कराने के खिलाफ केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई से पहले हलफनामा में कहा- बिना सबूत उठ रही आशंका…सभी राज्यों में लीक नहीं हुआ पेपर

NEET UG Paper Leak Case: केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा है कि उसने नीट यूजी परीक्षा पेपर लीक मामले में आईआईटी मद्रास से डेटा विश्लेषण कराया। इसमें कोई असामान्यता नहीं दिखी। भविष्य में पेपर लीक रोकने के लिए 7 सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी बनाने की जानकारी भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी है।

नई दिल्ली। नीट यूजी पेपर लीक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई है। इस सुनवाई से पहले केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया है। केंद्र सरकार ने नीट यूजी की परीक्षा फिर से कराने की मांग का विरोध किया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी राज्यों में नीट यूजी का पेपर लीक नहीं हुआ। इसके अलावा हलफनामा में ये भी कहा गया है कि परीक्षा कराने के तरीके में कोई गड़बड़ी नहीं देखी गई है। सरकार ने हलफनामा में कोर्ट से कहा है कि नीट यूजी परीक्षा देने वाले 23 लाक परीक्षार्थियों पर बिना प्रमाण उठ रही आशंकाओं के आधार पर दोबारा इम्तिहान का बोझ न डाला जाए।

केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा है कि उसने नीट यूजी परीक्षा पेपर लीक मामले में आईआईटी मद्रास से डेटा विश्लेषण कराया। इसमें कोई असामान्यता नहीं दिखी। भविष्य में पेपर लीक रोकने के लिए 7 सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी बनाने की जानकारी भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी है। इसके अलावा कहा है कि पेपर लीक से किसी लाभार्थी की पहचान की जरूरत होने पर नीतिगत फैसला लेना होगा। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामा में कहा है कि नीट यूजी की काउंसलिंग जुलाई के तीसरे हफ्ते से शुरू होगी। नीट यूजी की काउंसलिंग 4 राउंड में होगी। किसी भी प्रतिभागी को अगर पेपर लीक में दोषी पाया गया, तो उसे किसी भी स्तर पर रोका जा सकता है।

इससे पहले 8 जुलाई को सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने तमाम मामलों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए और नीट यूजी पेपर लीक की जांच कर रही सीबीआई से जानकारी मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम सवाल पूछा है कि पेपर लीक का पता किस दिन चला। इसके अलावा जांच में क्या तथ्य पाए गए और नीट पेपर लीक से कितने छात्रों को फायदा पहुंचने के बारे में भी सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा था। इस पर एनटीए और सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई है।