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राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए CM अशोक गहलोत ने संभाली कमान, अब चिंतन शिविर में पेश करेंगे ऐसा प्रस्ताव

Congress : बता दें कि अशोक गहलोत आगामी 13 और 15 मई को राजस्थान के उदयपुर में होने वाली राजनीतिक शिविर में बैठक में राहुल गांधी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पेश करेंगे। खबरों की मानें तो वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर वार्ता कर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने पर सहमति मांग रहे हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी आज की तारीख में बिन चालक की गाड़ी बनकर रह गई है। जिसकी न मंजिल का पता और न ही ठिकाने का। अब कांग्रेस जैसी गाड़ी का चालक कौन होगा। इसे लेकर हमेशा ही सियासी गलियारों में बहस छिड़ी रहती है। ध्यान रहे कि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में हुई पार्टी की दुर्गति के बाद स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। फिलहाल पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथों में है। लेकिन अभी-भी पार्टी को एक कार्यकारी अध्यक्ष की दरकार है। इतने दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा। इस पर सहमति नहीं बन पाई है। लेकिन अशोक गहलोत के रवैयों से जाहिर हो रहा है कि वे फिर से पार्टी की कमान राहुल गांधी  के कांधों में सौंपने की जिम्मा अपने सिर उठा चुके हैं।

Ashok Gehlot likely to take over as Congress president as Rahul Gandhi stays firm on resignation: Sources | India News | Zee News

बता दें कि अशोक गहलोत आगामी 13 और 15 मई को राजस्थान के उदयपुर में होने वाली राजनीतिक शिविर में बैठक में राहुल गांधी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पेश करेंगे। खबरों की मानें तो वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर वार्ता कर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने पर सहमति मांग रहे हैं। वहीं, खबर है कि इस संदर्भ में अशोक गहलोत  ने भी राजधानी दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात की है, लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात है कि अशोक गहलोत और  सचिन पायलट के बीच कई मसलों को लेकर मतभेद हैं।

PK के बिना होगा उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर, अशोक गहलोत रखेंगे राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव ! | TV9 Bharatvarsh

मगर यहां ध्यान देने वाली बात है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों राहुल गांधी को बतौर अध्यक्ष के रूप में देखना चाहेंगे। इसमें कोई दोमत नहीं है और रही मुद्दों को लेकर चल रहे दोनों ही नेताओं के बीच द्वंत की तो वह अलग विषय है। बहरहाल, आगामी चिंतन शिवर में राहुल गांधी को बतौर अध्यक्ष  चयन किए जाने को लेकर क्या कुछ फैसले लिए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।