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Assam : मंदिर के पास बीफ की बिक्री को लेकर सख्त हुए CM हेमंत बिस्वा, होगी इतने साल की सजा, जानिए क्या है कानून

Assam: विधेयक में नियमों को तोड़ने पर सजा का भी प्रावधान है। बता दें कि सरकार के नए नियम के अनुसार पंजीकृत बाजारों में मवेशियों के परिवहन के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

नई दिल्ली। असम के नए मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा अपने बयानों और अपनी कार्यशैली को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। ताजा मामला असम में बीफ की बिक्री को लेकर है। बता दें कि राज्य की विधानसभा में हेमंत सरकार ने एक विधेयक पेश किया है, जिसमें मवेशियों की ब्रिकी के लिए नए नियम बनाए हैं। इस विधेयक के अनुसार उचित दस्तावेज के अभाव में मवेशियों के एक जिले से दूसरे जिले और असम के बाहर परिवहन को भी अवैध बनाने का प्रस्ताव है। यदि फिर भी कोई ऐसा काम करता है तो नए प्रस्तावित कानून के अनुसार असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 के तहत अपराध माना जाएगा, जोकि गैर-जमानती होंगे। वहीं इस नए कानून के मुताबिक अगर उन जगहों पर मवेशियों के वध की अनुमित नहीं होगी जहां, मुख्य रूप से हिंदू, जैन, सिख रहते हैं, इस लिस्ट में बीफ नहीं खाने वाले समुदाय भी शामिल किए गए हैं।

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बता दें कि विधेयक में कहा गया है कि इस तरह के स्थान किसी मंदिर और अधिकारियों द्वारा निर्धारित किसी अन्य संस्था के पांच किलोमीटर के दायरे में आते हैं, उस जगह पर बीफ नहीं बेचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ धार्मिक अवसरों पर इस कानून में ढील दी जा सकती है। इस नए विधेयक के मुताबिक अब नए विधेयक के अनुसार पशु चिकित्सा अधिकारी केवल तभी प्रमाण पत्र जारी करेगा जब उसकी राय में मवेशी, जो कि गाय नहीं है और उसकी आयु 14 वर्ष से ज्यादा हो। किसी गाय, बछिया या बछड़े का तभी वध किया जा सकता है जब वह स्थायी रूप से अपाहिज हो। नए नियम के अनुसार उचित रूप से लाइसेंस प्राप्त या मान्यता प्राप्त बूचड़खानों में ही मवेशियों को काटने की अनुमति दी जाएगी। यदि अधिकारियों को वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तो नया कानून राज्य के भीतर या बाहर गोवंश के परिवहन पर रोक लगाएगा।

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अगर पकड़े गए तो होगी कितनी सजा

विधेयक में नियमों को तोड़ने पर सजा का भी प्रावधान है। बता दें कि सरकार के नए नियम के अनुसार पंजीकृत बाजारों में मवेशियों के परिवहन के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को कम से कम तीन साल की कैद या 3 लाख से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा दिए जाने का प्रावधान है। इस नए कानून के तहत अगर कोई दोषी दूसरी बार उसी या संबंधित अपराध को दोहराता है तो उसकी सजा दोगुनी हो जाएगी।