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Kota Suicide: ‘आईआईटी पास करके क्या खुदा हो जाएंगे!’, कोटा में छात्रों की लगातार खुदकुशी पर सीएम गहलोत का कोचिंग संस्थानों और पैरेंट्स से सवाल

इस बीच, कोटा में कोचिंग संस्थानों के हॉस्टलों में बच्चों को फांसी लगाकर खुदकुशी करने से रोकने के लिए संस्थान चलाने वालों ने नया तरीका निकाला है। इन कोचिंग संस्थानों के हॉस्टल में पंखों को स्प्रिंग के सहारे छत पर टांगा जा रहा है। ताकि अगर कोई बच्चा पंखे से लटककर फांसी लगाने की कोशिश करे, तो वो नाकाम हो जाए।

कोटा। राजस्थान के कोटा में पिछले 10 दिन में परीक्षा की तैयारी करने वाले 4 छात्रों ने खुदकुशी कर ली। इस साल अब तक कोटा में प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग करने वाले छात्रों की खुदकुशी के 15 मामले हो चुके हैं। इससे बच्चों के पैरेंट्स में हड़कंप है। वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी कोटा में छात्रों की लगातार खुदकुशी के मामलों पर चिंता जताई है। अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाने वालों के साथ मीटिंग की। सीएम अशोग गहलोत ने इन सभी कोचिंग इंस्टीट्यूट मालिकों को अपने यहां सिस्टम सुधारने की हिदायत भी दी है।

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कोचिंग संस्थान चलाने वालों के साथ मीटिंग में अशोक गहलोत ने कहा कि मैं कोटा में अब और बच्चों की जान जाते नहीं देख सकता। अशोक गहलोत ने कहा कि 9वीं पास बच्चों का वहां स्कूल में एडमिशन दिखाया जाता है। डमी क्लास लगती है। स्कूल और कोचिंग में बच्चा पढ़ता ही रहता है। उन्होंने कहा कि अगर आईआईटी में सेलेक्शन हो गया, तो बच्चा खुदा तो नहीं हो जाएगा। गहलोत ने ये कहकर बच्चों के कोचिंग सेंटर मालिकों और पैरेंट्स को समझाना चाहा कि बड़ी प्रतियोगी परीक्षाएं पास करना ही उनके बच्चे के लिए अंतिम लक्ष्य नहीं तय करना चाहिए। दरअसल, कोटा और देश के अन्य राज्यों में बच्चे परीक्षा में परफॉर्म न कर पाने के दबाव में ही खुदकुशी कर रहे हैं।

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इस बीच, कोटा में कोचिंग संस्थानों के हॉस्टलों में बच्चों को फांसी लगाकर खुदकुशी करने से रोकने के लिए संस्थान चलाने वालों ने नया तरीका निकाला है। इन कोचिंग संस्थानों के हॉस्टल में पंखों को स्प्रिंग के सहारे छत पर टांगा जा रहा है। ताकि अगर कोई बच्चा पंखे से लटककर फांसी लगाने की कोशिश करे, तो वो नाकाम हो जाए। इसके अलावा कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चों पर और नजरदारी की व्यवस्था भी करने की तैयारी है। ताकि वो कोई गलत कदम न उठा लें।