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सीएम योगी ने ‘वार्षिक व्याख्यान माला’ को किया संबोधित, कहा- फोकस बढ़ाएंगे तो उसके सुपरिणाम देखने को मिलेंगे

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने सरकारी आवास पर पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच और संकल्प फाउंडेशन ट्रस्ट के संयुक्त आयोजन ‘वार्षिक व्याख्यान माला’ (Annual lecture rosary) को सम्बोधित किया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने सरकारी आवास पर पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच और संकल्प फाउंडेशन ट्रस्ट के संयुक्त आयोजन ‘वार्षिक व्याख्यान माला’ (Annual lecture rosary) को सम्बोधित किया। इसके तहत ‘संस्कृति, प्रशासन और अध्यात्म’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सिविल सेवा के अधिकारी यदि देश और समाज के प्रति अपना फोकस बढ़ाएंगे, तो उसके सुपरिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को जनता के प्रति संवेदनशीलता बरतने के साथ-साथ अनुशासन का पालन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिविल सर्विसेज में आने वाले लोगों के पास कार्यपालिका की शक्तियां होती हैं। ऐसे में उन्हें संतुलित व्यवहार करने की आवश्यकता होती है। उन्हें स्वयं को प्रलोभनों से बचाना चाहिए। सिविल सेवकों को आम जनता की समस्याओं का समाधान करते हुए उनसे जुड़ना चाहिए। उन्हें जनता के बीच अच्छी छवि बनाते हुए संवेदनशील प्रशासक बनना चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों को अपने कैरियर की शुरुआत सकारात्मकता से करनी चाहिए। उन्हें भारतीय मूल्यों को समझते हुए अपनी सोच में अध्यात्म का समावेश करना चाहिए।

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सीएम योगी ने कहा कि मनुष्य सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक जीव है। अध्यात्म व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण करता है। सकारात्मकता स्पष्ट दिशा देती है। इससे लक्ष्य तय करने में कोई सन्देह नहीं रहता। उन्होंने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य आध्यात्मिक सोच का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। भिक्षा भारत की परम्परा का दिव्य गुण है। इससे भिक्षा देने वाले और भिक्षा लेने वाले, दोनों का अहंकार समाप्त होता है। प्रशासनिक अधिकारियों के मन में यह भाव आना चाहिए कि वे जनता की सेवा के लिए हैं। अधिकारियों को फिजूलखर्ची से भी बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मा जीवन्त भाव है और राम राज्य आदर्श व्यवस्था है।

आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन का मूल नैतिकता, सेवा, त्याग, संवेदना, करुणा, संवेदनशीलता और अनासक्ति जैसे भारतीय मूल्य बोध हैं। विवेकानन्द प्रतिभा विकास न्यास द्वारा संचालित स्वयंसेवी सामाजिक संस्था ‘संकल्प’ प्रतिभाशाली युवाओं में ऐसे ही मूल्यबोध विकसित करने का प्रयास कर रही है। गांधी जी का स्वप्न था भारत में राम राज्य की स्थापना। भारत के संविधान में भी इसका उल्लेख है। राम राज्य में तीनों प्रकार के ताप-आध्यात्मिक, अधिदैविक, अधिभौतिक का उन्मूलन उल्लिखित है। भगवान श्रीराम जनता की भावनाओं के प्रति अति संवेदनशील थे। समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्ति के विचारों को ध्यान में रख जीवन में सबसे प्रिय व्यक्ति का त्याग किया। भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की विशेषता अनासक्ति का भाव है। उन्होंने कभी भी राज्य, पद, सुविधाओं, सम्बन्धों किसी के प्रति मोह नहीं किया। शासकीय व्यवस्था में श्रीकृष्ण के निष्काम भाव को लागू करने से लोगों का उद्धार किया जा सकता है। हमारी संस्कृति हमेशा निष्काम कर्म की प्रेरणा देती है। यह राम राज्य की संकल्पना पर आधारित है।

सीएम योगी ने कहा कि सिविल सेवक यदि अपने दायित्वों का निर्वाह निष्काम भाव से करता है, तो कोई भी उस पर प्रश्नचिन्ह् नहीं लगा सकता है। ऐसे सिविल सेवक जनविश्वास का प्रतीक बनते हैं। सिविल सेवकों को सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना होता है। ऐसे में निष्काम भाव अत्यन्त आवश्यक है। सभी सिविल सेवकों को शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के सार्थक प्रयास करने चाहिए।

PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का दर्शन देते हुए अपनी सभी योजनाएं इस पर केन्द्रित कीं। राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जी की इस अवधारणा को पूरी तरह आत्मसात किया गया। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में जाति, मत, मजहब को आधार बनाकर योजनाएं बनती थीं और इसी आधार पर शासकीय व्यवस्था चलती थी। परन्तु आज ऐसा नहीं है। वर्तमान राज्य सरकार सबके हितों का ध्यान रखते हुए कार्य कर रही है। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए तकनीक का प्रयोग अत्यन्त आवश्यक है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री द्वारा जन-धन खातों को खोलने की पहल की गई, जिसका सदुपयोग इस वर्ष कोरोना जैसी महामारी के काल में प्रभावी ढंग से गरीबों के हित में किया गया। तकनीकी के प्रयोग से आज बड़े पैमाने पर गरीब लाभान्वित हो रहे हैं। अब उन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पूरी तरह से पहुंच रहा है। दीपावली के दौरान गरीब तबके ने खरीदारी की। इससे पता चलता है कि उन्हें योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था में टीम वर्क आवश्यक है। एक अकेला व्यक्ति सारे कार्य नहीं कर सकता। उत्तर प्रदेश में कोरोना से निपटने में टीम वर्क ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। लाॅकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार वापस आए। इस चुनौती का सामना टीम वर्क से किया गया। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को सकुशल वापस लाने में भी टीम वर्क ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

YOGI

सीएम योगी ने पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस के प्रकोप का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1977 से लेकर वर्ष 2017 तक इसका भयानक प्रकोप रहा और बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी से प्रभावित हुए। परन्तु वर्ष 2017 में वर्तमान सरकार बनने के उपरान्त अन्तर्विभागीय दायित्व निर्धारित किए गए और समन्वय स्थापित करते हुए इस व्याधि पर नियंत्रण पाया गया। यह भी टीम वर्क का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे निपटने के लिए शौचालय निर्माण, शुद्ध पेयजल आपूर्ति तथा टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। आज इंसेफलाइटिस से होने वाली मृत्यु दर में 95 प्रतिशत की कमी आ गई है। अगले वर्ष तक प्रदेश से इसका पूरी तरह से उन्मूलन सम्भव हो जाएगा।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक नए भारत की रचना हो रही है और यह तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सेवाभाव से केवल दूसरों को लाभ ही नहीं होता, बल्कि आत्मपरिष्कार भी होता है। आधुनिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी पर अधिकार आवश्यक है, परन्तु अपनी मूल्य परम्परा जिसमें सेवा, त्याग, अनासक्ति, संवेदनशीलता, सादे और सरल जीवन पर जोर, जिसे आत्मसात करने से ही गांधी जी के राम राज्य और पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय का स्वप्न साकार होगा। भारत के वैश्विक महाशक्ति बनने के स्वप्न को भारतीय मूल्यबोध द्वारा ही पूरा किया जा सकेगा। वेबिनार के दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच और संकल्प फाउण्डेशन ट्रस्ट के महानुभावों से संवाद किया।