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Uttar Pradesh: CM योगी आदित्यनाथ बोले, याद रखें, कोरोना कमजोर हुआ है, खत्म नहीं

Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, ” बीमारी में लापरवाही खतरनाक हो सकती है इसलिए हमें निरंतर सतर्क रहना होगा। सावधानी और बचाव बहुत आवश्यक है। दो गज की दूरी, मास्क जरूरी के मंत्र का पालन करते रहना होगा। कोरोना बीते 100 वर्षों में सबसे भीषण महामारी है। इसके खिलाफ सामूहिक प्रयास से सफलतापूर्वक लड़ा जा रहा है।”

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश व दुनिया त्रस्त रही है। कई राज्यों व देशों में व्यापक क्षति हुई है। अपने देश मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीवन व जीविका बचाने का जो संघर्ष हुआ उसके अपेक्षित और सकारात्मक परिणाम आए हैं।” हमें यह ध्यान रखना होगा कि कोरोना कमजोर जरूर हुआ है, खत्म नहीं। इसके खिलाफ लड़ाई में सावधानी व जागरुकता सबसे बड़ा हथियार है।” मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, ” बीमारी में लापरवाही खतरनाक हो सकती है इसलिए हमें निरंतर सतर्क रहना होगा। सावधानी और बचाव बहुत आवश्यक है। दो गज की दूरी, मास्क जरूरी के मंत्र का पालन करते रहना होगा। कोरोना बीते 100 वर्षों में सबसे भीषण महामारी है। इसके खिलाफ सामूहिक प्रयास से सफलतापूर्वक लड़ा जा रहा है।”

CM Yogi Deoria

उन्होंने कहा, ” कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण ही रक्षा कवच है। देश मे दो वैक्सिन पहले से है। अगले माह तक कुछ और वैक्सिन उपलब्ध होगी। सरकार की तरफ से जारी ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के अभियान से सबको जुड़ना होगा। इसके तहत हमारी निगरानी समितियां घर घर जा रही हैं। लोग टेस्ट से भागें नहीं और अपनी बारी पर टीका अवश्य लगवाएं। ”

मुख्यमंत्री ने कोरोना से लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने गरीब कल्याण पैकेज, मुफ्त राशन व आत्मनिर्भर पैकेज से पूरे देश में जनकल्याण की नजीर पेश की। उनके मार्गदर्शन से प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को प्रति माह निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।

UP CoronaUP Corona

योगी ने कोरोना त्रासदी में निराश्रित हुए बच्चों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता पिता या घर के कमाऊ अभिभावक को खोया है, उनके पालन पोषण व पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। इन बच्चों के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने कई प्राविधान किए हैं। प्रभावित बच्चों की परवरिश के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लीगल गार्जियन को बच्चे की उम्र 18 वर्ष होने तक प्रति माह चार हजार रुपये देने की व्यवस्था की गई है। साथ ही इन बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए बाल संरक्षण गृहों, कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालयों व अटल आवासीय विद्यालयों के जरिये व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है। इसी क्रम में 18 वर्ष से अधिक के बच्चों की उच्च व तकनीकी शिक्षा की निशुल्क व्यवस्था के साथ उन्हें टैबलेट भी दिया जाएगा। इसके साथ ही निराश्रित हुई बालिका के शादी योग्य होने पर सरकार की तरफ से एक लाख एक हजार रुपया प्रदान किया जाएगा।

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योगी ने कहा कि कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को व्यापक स्तर पर प्रारम्भ किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत लाभान्वित किए जाने हेतु अभी तक 174 बच्चे चिन्हित किए गए हैं जिन्होंने अपने कमाऊ अभिभावक को खोया है। इनमें से छह बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया है। इनमें से पांच बच्चों से मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बच्चों को सरकार की योजना का लाभ दिलाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। कहा कि सभी निराश्रित बच्चों के प्रति सरकार की संवेदना है और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।