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UP: अब दिल्ली और NCR की तर्ज पर होगा लखनऊ और आसपास के जिलों का विकास, 3 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लिए CM योगी ने बनाई SCR की योजना

अब यूपी की राजधानी लखनऊ और इससे सटे जिलों का विकास दिल्ली और एनसीआर की तरह होगा। सीएम योगी ने शुक्रवार रात सभी जिलों के विकास प्राधिकरणों के प्रमुखों के साथ मीटिंग में एनसीआर NCR की तर्ज पर SCR यानी State Capitol Region बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे प्रदेश को 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में काफी मदद मिलेगी।

लखनऊ। अब यूपी की राजधानी लखनऊ और इससे सटे जिलों का विकास दिल्ली और एनसीआर की तरह होगा। सीएम योगी ने शुक्रवार रात सभी जिलों के विकास प्राधिकरणों के प्रमुखों के साथ मीटिंग में एनसीआर NCR की तर्ज पर SCR यानी State Capitol Region बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे प्रदेश को 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ में चारबाग से वसंतकुंज तक मेट्रो के दूसरे चरण के लिए एक हफ्ते में डीटेल्ड रिपोर्ट मांगी है। योगी ने कहा कि कोरोना से पहले लखनऊ मेट्रो की पहली लाइन पर हर रोज 75000 लोग सफर करते थे। अब इतनी ही संख्या में फिर लोग इस रूट पर सफर कर रहे हैं। ऐसे में मेट्रो की दूसरी कनेक्टिविटी तैयार करने की जरूरत है।

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योगी ने विकास प्राधिकरण के प्रमुखों के साथ बैठक में कहा कि प्रस्तावित एससीआर में लखनऊ के साथ उन्नाव, कानपुर शहर, कानपुर देहात, सीतापुर, रायबरेली और बाराबंकी को रखा जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में योगी ने सभी विकास प्राधिकरणों के कामकाज की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि लखनऊ को दिल्ली की तरह मेट्रोपोलिटन सिटी के तौर पर विकसित करना है। इससे सभी प्रदेशों के लोग यहां आकर बसेंगे। अभी आसपास के जिलों में जनसंख्या काफी बढ़ रही है। इसलिए लखनऊ के साथ इन शहरों और जिलों का विकास भी होना है। इसके लिए एससीआर बनाने की तैयारी की जाए। इसके लिए जल्दी ही प्रस्ताव भेजने के निर्देश योगी ने दिए।

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योगी ने इस बैठक में लखनऊ में ग्रीन कॉरिडोर जल्द शुरू करने और शहर के नगर निगम की सीमा बढ़ाने के लिए भी कहा। बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड को भी बेहतर बनाने के लिए कहा। योगी ने ये भी कहा कि लखनऊ में आधुनिक कन्वेंशन सेंटर के लिए 35 एकड़ जमीन जल्दी चुन ली जाए। इसके अलावा लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज और चित्रकूट के विकास कि योजना भी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने ये भी कहा कि अगले 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शहरों के मास्टर प्लान तैयार किए जाएं।