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Row On ‘Shiv Shakti’: पीएम मोदी ने चांद पर लैंडर उतरने की जगह का नाम रखा ‘शिवशक्ति’ तो भड़की कांग्रेस, बीजेपी बोली- यूपीए सरकार होती तो…

ये पूछे जाने पर कि जब साल 2008 में केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौर में चंद्रयान-1 के प्रोब को चांद पर गिराया गया था, तब उस जगह का नामकरण जवाहरलाल नेहरू पर रखा गया था, राशिद अल्वी ये सफाई देते दिखे कि नेहरू जी ने ही इसरो की स्थापना विक्रम साराभाई के साथ मिलकर की थी।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज इसरो के कमांड सेंटर का दौरा कर चंद्रयान अभियान की सफलता के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि जहां चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर उतरा है, चांद की उस जगह का नाम अब शिवशक्ति होगा। पीएम मोदी के इस एलान से कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने सवाल उठाया कि पीएम मोदी ने कैसे इस जगह का नाम शिवशक्ति रख दिया। राशिद अल्वी ने कहा कि चांद की उस जगह के मालिक मोदी नहीं हैं। कांग्रेस नेता का कहना था कि इस नामकरण के बाद दुनिया अब हम पर हंसेगी। सुनिए राशिद अल्वी ने किस तरह शिवशक्ति नाम पर सवाल उठाया।

ये पूछे जाने पर कि जब साल 2008 में केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौर में चंद्रयान-1 के प्रोब को चांद पर गिराया गया था, तब उस जगह का नामकरण पहले पीएम और कांग्रेस के नेता जवाहरलाल नेहरू पर रखा गया था, राशिद अल्वी ये सफाई देते दिखे कि नेहरू जी ने ही इसरो की स्थापना विक्रम साराभाई के साथ मिलकर की थी। राशिद अल्वी ने न्यूज चैनल इंडिया टुडे से बातचीत में ये कहा कि नेहरू की तुलना किसी और नाम से नहीं की जा सकती है। राशिद अल्वी कहते सुनाई दिए कि मोदी इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी की तरफ से चांद पर लैंडर उतरने की जगह का नाम शिवशक्ति रखे जाने पर विरोध के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ये भारत बनाम परिवार प्रथम का मामला है। ऊपर दिए गए ट्वीट में आप देख सकते हैं कि शहजाद ने लिखा है कि चंद्रयान-1 की जगह का नाम जवाहर प्वॉइंट, चंद्रयान-2 की जगह का नाम तिरंगा और चंद्रयान-3 का नाम शिवशक्ति प्वॉइंट रखा गया। शहजाद ने कहा कि लैंडर का नाम भी विक्रम साराभाई के नाम रखा गया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर ये यूपीए सरकार होती, तो चंद्रयान 2 और 3 को भेजती ही नहीं और अगर भेजती, तो चांद पर उन्होंने इंदिरा प्वॉइंट और राजीव प्वॉइंट के नाम का एलान किया होता।