नई दिल्ली। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के सदमे से कांग्रेस अभी उभरी नहीं थी कि पार्टी को एक के बाद एक कई बड़े झटके लग रहे हैं। एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह के बेटे और जम्मू कश्मीर के महाराजा रहे हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा। सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। सिंह का कहना था कि पार्टी जमीनी हकीकत से बहुत दूर है। एक दिन पहले लगे झटके के बाद अब पार्टी को एक ओर झटका लग सकता है। क्या पूर्व सीएम हरीश रावत अब चुनावी राजनीति को अलविदा कहने जा रहे है ? इसका उन्होंने दृढ़ता के साथ संकेत दिए हैं।
रावत का कहना है, ‘अब बहुत चुनाव लड़ लिए। 55 साल से मैं ही तो हूं। अब मेरे बाकी साथियों की बांहे भी फड़फड़ा रहीं है।’ रावत ने आगे कहा कि ‘मेरे चुनाव लड़ते ही बहुत सारे छिपे, दबे-दुबके पशु-पक्षी-कीट-जीव सब बाहर निकल आते हैं और मुझे भभोड़ने लगते हैं।’ क्या हरीश रावत ने हथियार डाल दिए हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उनका कहना है कि वैसे तो ये उनके स्वभाव के विपरीत है। लेकिन सत्य तो सत्य ही है। अब हरीश रावत के इस बयान को विधानसभा चुनाव 2022 में मिली कांग्रेस की करारी हार से जोड़ा जा रहा है। संभावनाएं लगाई जा रही है कि जल्द ही हरीश रावत भी कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़ कर उसे अलविदा कह देंगे।
मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना इस्तीफा देता हूं। जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी स्थिति जो राष्ट्रीय हितों को दर्शाती है, कांग्रेस पार्टी के साथ संरेखित नहीं है। @INCIndia जमीनी हकीकत से जुदा है। @INCJammuKashmir https://t.co/7jCF1CuX8h
— Vikramaditya Singh (@vikramaditya_JK) March 22, 2022
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी और तमाम सीनियर लोगों के बीच धामी सीएम बनाने का साहसिक निर्णय लिया गया है। हरीश रावत ने कहा कि पांच साल उत्तराखंड के आगामी 75 साल को तय करने वाले होंगे। उन्होंने धामी से उम्मीद है कि वो अच्छा काम करेंगे।