नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने देशद्रोह के कानून को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू पर निशाना साधा था। वहीं अब केंद्रीय मंत्री ने पलटवार करते हुए पी चिदंबरम को जवाब दिया है। देशद्रोह के कानून को लेकर पैदा हुए बवाल पर केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आमने सामने आ गये हैं। शनिवार सुबह ही पी चिदम्बरम ने ट्वीट कर कहा था कि कें केंद्रीय कानून मंत्री उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही की खबरें देने वाले अखबार नहीं पढ़ते। दरअसल कानून मंत्री ने सदन में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा था कि उच्चतम न्यायालय की ओर से राजद्रोह के कानून के संदर्भ में कोई टिप्पणी किए जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसी पर पी चिदंबरम कानून मंत्री को घेरने की कोशिश कर रहे थे।
आपको बता दें कि एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल ने सदन में कानून मंत्री से सवाल किया था कि क्या उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में राजद्रोह से संबंधित कानून को औपनिवेशिक करार दिया है और कहा है कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है? इसके सवाल के लिखित जवाब में कानून मंत्री ने कहा था, “उच्चतम न्यायालय के किसी फैसले या आदेश में ऐसी टिप्पणी नहीं है।” इस मुद्दे को लेकर पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री को घेरने की कोशिश थी और ट्वीट करके सवाल पूछा था।
The Minister of Law said that MHA has informed him that there is no proposal to repeal the sedition law (Section 124A).
What he did not say was that MHA has proposals to book many innocent people under the sedition law!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 11, 2021
पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कानून मंत्री ने कहा है कि राजद्रोह से संबंधित कानून को निरस्त करने का कोई भी प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास प्रस्तावित नहीं है। उन्होंने यह नहीं बताया किकानून मंत्री ने कहा कि एमएचए ने उन्हें सूचित किया है कि देशद्रोह कानून (धारा 124ए) को निरस्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने जो नहीं कहा वह यह था कि गृह मंत्रालय के पास कई निर्दोष लोगों पर राजद्रोह कानून के तहत मामला दर्ज करने का प्रस्ताव है! इसके आगे पी चिदंबरम ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि कानून मंत्री ने यह भी कहा कि देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई टिप्पणी करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने यह नहीं कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने वाले समाचार पत्र नहीं पढ़ते हैं।
How many thousand sedition cases were slapped on people by Congress Govt ?
Law Minister may not read newspaper but Law Minister knows that media reports do not become part of official Depart records.
Hon’ble SC is aware of how to make observations & how to pass formal orders! https://t.co/2sVU4ZANaI
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 11, 2021
चिदंबरम के इन आरोपों का जवाब केंद्रीय कानून मंत्री ने खुद दिया। उनके ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया कि कांग्रेस सरकार के दौरान कितने हजार देशद्रोह के मुकदमे लोगों पर दर्ज किये गए? कानून मंत्री भले ही अखबार न पढ़ें लेकिन कानून मंत्री जानते हैं कि मीडिया रिपोर्ट्स आधिकारिक विभाग के रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनती हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट को पता है कि कैसे अवलोकन करना है और औपचारिक आदेश कैसे पारित करना है!