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Sedition Law: देशद्रोह कानून को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने की कानून मंत्री की खिंचाई की कोशिश, जवाब मिला-“अख़बार भले नहीं पढ़ता लेकिन…”

पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कानून मंत्री ने कहा है कि राजद्रोह से संबंधित कानून को निरस्त करने का कोई भी प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास प्रस्तावित नहीं है। उन्होंने यह नहीं बताया किकानून मंत्री ने कहा कि एमएचए ने उन्हें सूचित किया है कि देशद्रोह कानून (धारा 124ए) को निरस्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

नई दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने देशद्रोह के कानून को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू पर निशाना साधा था वहीं अब केंद्रीय मंत्री ने पलटवार करते हुए पी चिदंबरम को जवाब दिया है देशद्रोह के कानून को लेकर पैदा हुए बवाल पर केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आमने सामने आ गये हैं शनिवार सुबह ही पी चिदम्बरम ने ट्वीट कर कहा था कि कें केंद्रीय कानून मंत्री उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही की खबरें देने वाले अखबार नहीं पढ़ते दरअसल कानून मंत्री ने सदन में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा था कि उच्चतम न्यायालय की ओर से राजद्रोह के कानून के संदर्भ में कोई टिप्पणी किए जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है इसी पर पी चिदंबरम कानून मंत्री को घेरने की कोशिश कर रहे थे

Kiren Rijiju

आपको बता दें कि एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल ने सदन में कानून मंत्री से सवाल किया था कि क्या उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में राजद्रोह से संबंधित कानून को औपनिवेशिक करार दिया है और कहा है कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है? इसके सवाल के लिखित जवाब में कानून मंत्री ने कहा था, “उच्चतम न्यायालय के किसी फैसले या आदेश में ऐसी टिप्पणी नहीं है।” इस मुद्दे को लेकर पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री को घेरने की कोशिश थी और ट्वीट करके सवाल पूछा था।

पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कानून मंत्री ने कहा है कि राजद्रोह से संबंधित कानून को निरस्त करने का कोई भी प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास प्रस्तावित नहीं है। उन्होंने यह नहीं बताया किकानून मंत्री ने कहा कि एमएचए ने उन्हें सूचित किया है कि देशद्रोह कानून (धारा 124ए) को निरस्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने जो नहीं कहा वह यह था कि गृह मंत्रालय के पास कई निर्दोष लोगों पर राजद्रोह कानून के तहत मामला दर्ज करने का प्रस्ताव है! इसके आगे पी चिदंबरम ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि कानून मंत्री ने यह भी कहा कि देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई टिप्पणी करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने यह नहीं कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने वाले समाचार पत्र नहीं पढ़ते हैं।

चिदंबरम के इन आरोपों का जवाब केंद्रीय कानून मंत्री ने खुद दिया। उनके ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया कि कांग्रेस सरकार के दौरान कितने हजार देशद्रोह के मुकदमे लोगों पर दर्ज किये गए? कानून मंत्री भले ही अखबार न पढ़ें लेकिन कानून मंत्री जानते हैं कि मीडिया रिपोर्ट्स आधिकारिक विभाग के रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बनती हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट को पता है कि कैसे अवलोकन करना है और औपचारिक आदेश कैसे पारित करना है!