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Congress: राहुल गांधी ने बंगाल में जहां-जहां की रैली, जमानत नहीं बचा पाए वहां के कांग्रेसी उम्मीदवार

West Bengal: कांग्रेस के लिए इससे ज्यादा बुरी खबर क्या होगी कि वह उन दो सीटों, माटीगारा-नक्सलबाड़ी और गोलपोखर में भी बुरी तरह हार गई- जहां राहुल गांधी ने 14 अप्रैल को चुनावी रैलियां की थीं। इतना ही नहीं वहां के उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए।

नई दिल्ली। रविवार को 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनाव परिणामों के नतीजे घोषित हो चुके है।पश्चिम बंगाल की बात पर नजर डालें तो टीएमसी लगातार तीसरी बार सत्ता में काबिज होने में सफल रही है, लेकिन पार्टी की मुखिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नजदीकी मुकाबले में भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गईं। वहीं भाजपा बंगाल में 70 से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही। इसके अलावा तीसरा मोर्चा (Third Front) की बात करें, तो उनके खाते में सिर्फ एक सीट आई। इतना ही नहीं उनके 85 फीसदी उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। इसके अलावा खास बात ये भी है कि जिन 2 सीटों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रैली की थी, वहां भी पार्टी की हालत बदतर हो गई है।

कांग्रेस के लिए इससे ज्यादा बुरी खबर क्या होगी कि वह उन दो सीटों, माटीगारा-नक्सलबाड़ी और गोलपोखर में भी बुरी तरह हार गई- जहां राहुल गांधी ने 14 अप्रैल को चुनावी रैलियां की थीं। इतना ही नहीं वहां के उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। बता दें कि कांग्रेस एक दशक तक माटीगारा-नक्सलबाड़ी पर काबिज थी, लेकिन मौजूदा विधायक शंकर मालाकार इस बार सिर्फ 9% वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। वहीं गोलपोखर में भी कांग्रेस का उम्मीदवार सिर्फ 12% वोट पाकर तीसरे स्थान पर आया।

अगर तीन सहयोगी दलों को अलग-अलग विश्लेषण करें तो पाएंगे कि लेफ्ट 170 सीटों में से सिर्फ 21 सीट पर अपनी जमानत बचा सके। जबकि 90 में से 11 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत बची। इसके अलावा 30 में से 10 सीटों पर आईएसएफ के उम्मीदवारों की जमानत बची।  तीसरे मोर्चे के पतन का सीधा फायदा तृणमूल कांग्रेस को हुआ, जिसने 213 सीटें जीतीं।