नई दिल्ली। दिल्ली से गोवा दूर है और कोलकाता भी। इन तीनों ही शहरों की दूरी पीएम नरेंद्र मोदी विरोधी विपक्ष के लिए सोमवार रात को और बढ़ गई। दरअसल, हुआ ये कि गोवा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उतरी तृणमूल कांग्रेस TMC की चीफ ममता बनर्जी चाहती थीं कि वहां कांग्रेस से उनका गठजोड़ हो जाए और दोनों मिलकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ें, लेकिन ममता को कई दिन से आ रहा ये सपना सोमवार रात को राहुल गांधी ने एक झटके में तोड़ दिया। राहुल गांधी रविवार को विदेश से लौट आए थे। सोमवार शाम को उन्होंने गोवा में कांग्रेस की रणनीति बनाने का काम किया, लेकिन ममता दीदी की पार्टी से गठबंधन के बारे में अपने नेताओं से कोई बात नहीं की।
The rumour in circulation that a possible alliance with TMC was discussed by Shri @RahulGandhi in today’s meeting is completely baseless & untrue.
Let me assure that the Congress party is confident- we will put Goa back on the path to progress soon.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) January 10, 2022
इससे पहले दिल्ली के सियासी गलियारों में ये खबरें तैर रही थीं कि ममता चाहती हैं कि गोवा में कांग्रेस के साथ मिलकर वो चुनाव लड़ें, लेकिन इसमें अड़ंगा लगने की वजह भी शायद ममता ही हैं। ममता ने ही गोवा कांग्रेस में काफी तोड़फोड़ की थी। यहां तक कि राज्य के सीएम रहे लुइजिन्हो फलेरो को भी कांग्रेस का दामन छुड़ाकर ममता के यहां ले जाया गया। माना जा रहा है कि कांग्रेस में दीदी की तरफ से की गई इसी तोड़फोड़ की वजह से राहुल गांधी नाराज हैं और उन्होंने विपक्ष का सर्वमान्य नेता बनने की दीदी की राह में ये रोड़ा अटका दिया है।
ममता और कांग्रेस के बीच पहले से ही सबकुछ ठीक नहीं रहा है। दिल्ली आकर सोनिया से ममता का न मिलना। मुंबई जाकर राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ बयान देना। ये सबकुछ कांग्रेस को याद है। ऊपर से गोवा में अपनी ही पार्टी में ममता की ओर से किए गए तोड़फोड़ ने मोदी विरोधी विपक्षी एकता का सूत्रधार बनने की ममता की राह में कांग्रेस के नाम का कांटा लगा दिया है। अब देखना ये है कि राहुल गांधी के गठजोड़ से इनकार करने के बाद ममता बनर्जी गोवा में किस दिशा में अपनी पार्टी के प्रचार को ले जाती हैं।