newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Punjab: सिद्धू और चन्नी का पंजाब कांग्रेस में खेल खत्म, अब इस नेता पर गांधी परिवार लगा रहा नया दांव

पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सिद्धू के दबाव में कांग्रेस ने सीएम पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया। इसके बाद अमरिंदर ने बगावत कर कांग्रेस से इस्तीफा दिया और नई पार्टी बनाकर बीजेपी से हाथ मिला लिया। दूसरा प्रयोग राहुल गांधी ने दलित चेहरे चन्नी को सीएम बनाकर किया और इसमें भी फेल रहे।

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू समेत बड़े नेताओं के दिन पूरे होते दिख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्य में कांग्रेस की करारी हार की वजह से सिद्धू से इस्तीफा लेने के बाद कांग्रेस हाईकमान यानी गांधी परिवार अब उन्हें और बड़ी जिम्मेदारी नहीं देना चाह रहा। सीएम रहे चरणजीत सिंह चन्नी भी दोनों सीटों से हारने के कारण किसी भी पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं। अब पंजाब में कांग्रेस को एकजुट करने का जिम्मा गांधी खानदान अपने करीबी बड़े नेता प्रताप सिंह बाजवा को देने का मन बना रहा है। बाजवा अभी राज्यसभा के सदस्य हैं और कादियां सीट से विधायक भी चुने गए हैं। प्रताप सिंह बाजवा की राज्यसभा सदस्यता 9 अप्रैल को खत्म हो रही है। इससे पहले ही उन्हें नेता विपक्ष बनाने का एलान हो सकता है।

pratap singh bajwa

इस बार पंजाब में कांग्रेस के पास दोबारा सरकार बनाने का मौका था, लेकिन प्रयोगों ने पार्टी का दम निकाल दिया। पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सिद्धू के दबाव में कांग्रेस ने सीएम पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया। इसके बाद अमरिंदर ने बगावत कर कांग्रेस से इस्तीफा दिया और नई पार्टी बनाकर बीजेपी से हाथ मिला लिया। दूसरा प्रयोग कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी ने किया। उन्होंने दलित चेहरे चन्नी को सीएम बनाया और चुनाव में उन्हें दोबारा सीएम फेस बनाकर खड़ा कर दिया। इससे सिद्धू की नाराजगी बढ़ी और उन्होंने पार्टी को चुनावों में कोई सहयोग नहीं दिया।

Rahul Gandhi and Channi

सिद्धू से पहले सुनील जाखड़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। वो हिंदू चेहरा हैं, लेकिन चुनाव में जब कांग्रेस हारी, तो जाखड़ ने कहा कि चन्नी के 111 दिन के शासन में तो लोग कमाई ही करते रहे। वहीं, चुनाव से ठीक पहले चन्नी के भतीजे के यहां पड़ी ईडी की रेड ने भी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप एक बार फिर मढ़ दिया। नतीजा ये है कि जिस राज्य में कांग्रेस सरकार में थी, उसी पंजाब में इस बार उसे महज 18 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। न चन्नी जीते और न सिद्धू।