ई दिल्ली। महाराष्ट्र में बीते दिनों हुए बड़े सियासी उलटफेर के बाद आज रविवार को विधानसभा स्पीकर का चुनाव होना था। पिछले साल कांग्रेस नेता नाना पटोले (Nana Patole) के पद से इस्तीफा देने के बाद से ही अध्यक्ष पद खाली था। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल इसके कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं। आज हो रहे इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से स्पीकर पद के लिए राहुल नार्वेकर को प्रत्याशी बनाया गया था। इस चुनाव में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को बड़ा झटका लगा और शिंदे गुट को जीत हासिल हुई। इस जीत के साथ राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) को स्पीकर चुन लिया गया। बीजेपी के विधायक राहुल नार्वेकर का न सिर्फ शिवसेना (Shiv sena) बल्कि एनसीपी (NCP) से भी गहरा नाता रहा है। नार्वेकर एनसीपी के वरिष्ठ नेता रामराजे निम्बलाकर के दामाद भी हैं।
स्पीकर पद में हुए चुनाव में जीत के बाद अब राहुल नार्वेकर सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष बने हैं और वो पहली बार विधानसभा में जीत दर्ज कर पहुंचे है। बता दें, राहुल मुंबई के कुलाबा विधानसभा सीट से विधायक है। इससे पहले वो NCP से विधान परिषद सदस्य रह चुके है। राहुल नार्वेकर युवा सेना में आदित्य ठाकरे के साथ भी काम किया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में राहुल नार्वेकर वकील भी है। राहुल नार्वेकर को बीजेपी द्वारा इसलिए भी अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है क्योंकि वो क़ानून के अच्छे जानकार हैं। आने वाले वक्त में कानूनी मुद्दों से बचने के लिए राहुल नार्वेकर बीजेपी के खेवनहार के रूप में भी सामने आएंगे।
साल 2019 में बीजेपी में हुए शामिल
45 साल के राहुल नार्वेकर पेशे से वकील हैं। राहुल के पिता सुरेश नार्वेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद थे। भाई मकरंद BMC के वार्ड नंबर 227 से दूसरी बार पार्षद बने हैं। इसके अलावा उनकी भाभी हर्षता भी बीएमसी के वार्ड नंबर 226 से पार्षद हैं। राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। भाजपा ने उन्हें साउथ मुंबई की कोलाबा विधानसभा से उतारा था। उन्हें जीत भी हासिल हुई। इन सब के अलावा राहुल नार्वेकर इस वक्त प्रदेश बीजेपी के मीडिया इंचार्ज भी हैं।
शिवसेना और एनसीपी में भी रहे हैं राहुल
भारतीय जनता पार्टी (BJP) से पहले राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी (NCP) में भी रह चुके हैं। 15 सालों तक राहुल शिवसेना में रह हैं। साल 2014 में राहुल राज्य विधान परिषद का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन, शिवसेना ने इससे इनकार कर दिया। ऐसे में वो शिवसेना से इस्तीफा देकर शरद पवार (Sharad Pawar) की अगुआई वाली एनसीपी में चले गए। यहां 2014 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के दौरान वो NCP के टिकट पर मावल सीट से चुनावी मैदान में उतरे लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल सकी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया और कोलाबा से विधायक बने।