नई दिल्ली। हाथरस मामले में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जब गुरुवार को हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए दिल्ली से निकले तो उन्हें ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने रोक लिया और वापस दिल्ली भेज दिया। ना सिर्फ उन्हें दिल्ली भेजा गया बल्कि नोएडा पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत 153 कांग्रेस नेताओं, 50 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी। रोके जाने के दौरान कहा गया कि राहुल गांधी के धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद शनिवार को भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस के लिए निकले। निकलने से पहले राहुल गांधी काफी आक्रामक नजर आए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि, “दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।” राहुल ने एक और ट्वीट में लिखा कि, “इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ UP सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।”
अगर इस बार नहीं तो एक बार और कोशिश करेंगे: हाथरस पहुंच पाएंगे पूछे जाने पर प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस #HathrasCase pic.twitter.com/TF1QS0M8BP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2020
प्रियंका गांधी ने क्या कहा
वहीं जब हाथरस के लिए निकलते वक्त जब प्रियंका गांधी से पूछा गया कि, इसबार हाथरस पहुंच पाएंगे? तो प्रियंका गांधी ने इसके जवाब में कहा कि, “अगर इस बार नहीं तो एक बार और कोशिश करेंगे।” मतलब साफ है कि कांग्रेस हाथरस मामले को इस तरह नहीं छोड़ने वाली। वो इसे और आगे ले जाएगी। अगर कांग्रेसी नेताओं को पीड़ित परिवार के गांव जाने से रोका गया तो वो ये कोशिश बार-बार करते रहेंगे।
नोए़डा के ADCP रणविजय सिंह कहा
वहीं नोए़डा के ADCP रणविजय सिंह ने कहा है कि, धारा 144 का उल्लंघन किया जा रहा है। गैर कानूनी जनसभा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात है। हम लोग लगातार शांति की अपील कर रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि ये समझ जाएं और अपने गंतव्य को लौट जाएं।
#WATCH दिल्ली: राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा हाथरस, उत्तर प्रदेश में पीड़िता के परिवार से मिलने जाते हुए। pic.twitter.com/As1wLBDJuv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2020
योगी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई
हाथरस मामले में योगी सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए हाथरस के पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों और पीड़ित पक्ष का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने यह फैसला इस मामले की जांच कर रही SIT की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद किया है। इसके अलावा योगी सरकार ने आला अधिकारियों पर बड़ा एक्शन लेते हुए हाथरस के पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया है।
मीडिया को मिली छूट
इस मामले को लेकर सवाल उठा कि आखिर योगी सरकार राजनीतिक लोगों को और मीडिया को गांव के अंदर क्यों नहीं जाने दे रही है। जिसके बाद हाथरस के प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि, SIT की जांच प्रभावित ना हो, इसके लिए ऐसी पाबंदी लगाई गई है। फिलहाल इन सारी पाबंदियों के बाद अब पीड़िता के गांव के अंदर मीडिया को जाने की इजाजत दे दी गई है।
आपको बता दें कि इसको लेकर हाथरस के SDM ने बताया कि, “SIT की जांच पूरी हो गई है इसलिए अब मीडिया पर किसी तरह की रोक नहीं है। धारा 144 अभी भी लागू है। अभी सिर्फ मीडिया को ही आने ही इजाजत है।”