नई दिल्ली। किसान संगठन एक बार फिर आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठनों की तमाम मांगें हैं। इनमें से एक मांग ये भी है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर कानून बनाकर गारंटी दे। कांग्रेस ने किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने तो मंगलवार को ट्वीट कर ये गारंटी भी दे दी थी कि केंद्र में सरकार बनने पर एमएसपी के बारे में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कानून बनाएंगे, लेकिन राहुल गांधी शायद ये भूल गए कि जब केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार थी, तो उसने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार करने तक से साफ इनकार कर दिया था।
स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करने के बारे में कांग्रेस की यूपीए सरकार से सवाल पूछा गया था। इस सवाल के जवाब में यूपीए की सरकार की तरफ से 16 अप्रैल 2010 को संसद में जवाब दिया गया था। तत्कालीन कांग्रेस की यूपीए सरकार के कृषि मंत्री ने संसद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि एमएसपी पर सीएसीपी ही फैसला लेती है। इस वजह से सरकार इस बारे में कोई कदम नहीं उठा रही। बता दें कि स्वामीनाथन कमेटी ने सिफारिश की थी कि किसान को फसल उगाने में जितना खर्च करना पड़े, उसका 50 फीसदी बढ़ाकर एमएसपी दी जाए। देखिए कांग्रेस की यूपीए सरकार ने उस वक्त किस तरह एमएसपी पर कोई कदम उठाने से साफ इनकार कर दिया था।
अब राहुल गांधी कह रहे हैं कि अगर केंद्र में सरकार बन गई, तो वो किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देंगे। कांग्रेस के बाकी नेता भी एमएसपी की कानूनी गारंटी के मसले पर पीएम नरेंद्र मोदी को घेर रहे हैं। हकीकत ये है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की जगह मोदी सरकार हर साल फसलों पर एमएसपी लगातार बढ़ा रही है। केंद्र सरकार 24 फसलों पर एमएसपी देती है।