नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने उत्तर प्रदेश में तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। जिस तरह से यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है उसको देखते हुए भाजपा ने राज्य में जीत का परचम लहराने के लिए कोशिश शुरू कर दी हैं। लेकिन उसे पहले योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई। राज्य में भगवा साफा पहनकर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश रची गई। दरअसल, बिजनौर में भगवा साफा बांधकर 2 भाइयों ने तीन मजारों को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि दोनों आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है। देशभर में सावन की धूम है। बाबा भोले के भक्त कांवड़ लेकर भगवान शिवशंकर की पूजा करने निकल रहे है। उत्तराखंड के हरिद्वार से लेकर, यूपी, बिहार तक बोल बम-बम के जयकारे गूंज रहे है और ऐसे ही भक्ति के माहौल में सामाजिक माहौल को खराब करने की साजिश की गई है। दरअसल आदिल ने अपने भाई कमाल के साथ मिलकर बिजनौर में अलग-अलग तीन मजारों में तोड़फोड़ की और नुकसान भी पहुंचाया।
वहीं मौके पर कुछ लोगों ने इसे देख लिया और आदिल को पकड़ लिया। जिसके बाद लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी और मौके पर तमाम बड़े अधिकारी पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। आरोपियों से जब पूछताछ हुई तो आदिल और कमाल के दोनों भाइयों ने मिलकर बिजनौर के शेरकोट थाना क्षेत्र में जलाल शाह का मजार, भूरे शाह की मजार और कुतुब शाह की मजार को नुकसान पहुंचाया। यानी की एक दिन में तीन-तीन मुस्लिम धर्मस्थल को दोनों भाइयों ने भगवा कपड़ा पहनकर नुकसान पहुंचाया।
Bijnor, UP| A big communal conspiracy was prevented (on July 24) under Sherkot PS limits; info was received about 2 people ransacking Jalal Shah Mazar & burning several ‘chadar’. Police reached the spot & got to know that a similar incident happened at Bhure Shah Mazar: ADG (L&O) pic.twitter.com/lCEwG5bswK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 24, 2022
अब सवाल ये है कि भगवा साफा बंधकर मजार को नुकसान पहुंचने के पीछे आदिल और कमाल की मंशा क्या थी? क्या ये सामाजिक माहौल बिगाड़ने की साजिश है? या फिर भगवा कपड़ा पहनकर मजार पर तोड़फोड़ क्या प्लानिंग का हिस्सा है? क्यों आदिल और कमाल के पीछे किसी संगठन का हाथ है? क्या दोनों भाइयों को किसी के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया?
गौर करने वाली बात ये है कि सावन के महीने में रविवार और सोमवार को वो दिन होता है जब रोड़ पर कांवड़ियों की भीड़ जुटती है। ऐसे में भगवा कपड़ा पहनकर आरोपियों ने कांवड़ियो पर आरोप लगाने की साजिश रची थी। चूंकि सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यूपी में माहौल खराब करने के लिए कोई बड़ी षंड्यत्र रची गई है। जिसके बाद यूपी की कई जांच एजेंसियां इस सच का पता लगाने में जुट गई है। हालांकि इस करतूत के बाद अब यही प्रश्न उठ रहा है कि सूबे में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।