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पालिका बाजार के लिए चिलर की खरीदारी पर विवाद, क्या NDMC ने ‘घोटाले’ पर आंखें मूंद ली?

लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इसके वेंडर को बिना रोक-टोक पूरे पैसे मिल रहे हैं और यह व्यवस्था पिछले 10 साल से बनी हुई है।

नई दिल्ली। पालिका बाजार, शहर का वातानूकुलित अंडरग्राउंड मार्केट अपनी एक अलग पहचान और युवाओं की पहली पसंद के रुप में प्रसिद्ध है, अभी पिछले साल ही इसकी स्थापना के 40 साल पूरे हुए। कनॉट प्लेस स्थित इस मार्केट में करीब 400 दुकानें हैं, जहां कपड़े, मेकअप से लेकर बिजली के हर तरह के उपकरण उपलब्ध होते हैं। इस अंडरग्राउंड मार्केट को ठंडा रखने के लिए एक मजबूत सेट्रल एयर-कंडिशनिंग सिस्टम की व्यवस्था है, जिसमें कई सारे चिलर लगे हुए हैं। इनमें से चिलर नंबर 2- पर खींचतान मची हुई है। बल्कि 2010 से ही, जब इस चिलर को लगाया गया था तबसे ही यह विवादों के घेरे में है।

Palika Bazar

चिलर नंबर 2 को लगाने की लागत लगभग 1 करोड़ थी लेकिन 2010 में इसकी स्थापना के बाद से ही यह चिलर लगभग बेकार पड़ा हुआ है। NDMC के अपने बिजली डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार यह चिलर महीने के महज 10 दिन ही उपयोग में रहता है, बाकी समय में या तो इसमें गड़बड़ियां होती हैं या फिर रिपेयर का काम चलता रहता है। लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इसके वेंडर को बिना रोक-टोक पूरे पैसे मिल रहे हैं और यह व्यवस्था पिछले 10 साल से बनी हुई है।

ऐसे में इसपर सवाल खड़े होना लाज़मी है। सवालों के घेरे में ना केवल चिलर कंपनी बल्कि उसके स्टॉफ और उससे भी ज्यादा NDMC के अधिकारी भी हैं। सवाल उठता है कि किसने चिलर के खरीद को हरी झंडी दी? खरीदारी के बाद जब कमियां पाई गईं, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या चिलर की खरीद में नगर निगम के कर्मचारी भी संलिप्त थे?

chillers

चिलर 2 के नाकामी पर NDMC की बैठकों में भी कई बार चर्चा हुई लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। भाजपा सांसद और एनडीएमसी सदस्य मीनाक्षी लेखी ने इस विवादित चिलर को लेकर NDMC के चेयरमैन को पत्र लिखा और निगम के कर्मचारियों तथा कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किए, तब जाकर जांच रिपोर्ट सामने आई।

19 दिसंबर 2019 को लिखे पत्र में लेखी ने लिखा, ”चीफ इंजीनियर (Elect – 1) को निर्देश दिया गया था कि वो चिलर नंबर 2 पर उठ रहे सवालों पर रिपोर्ट तैयार करें और काउंसिल के समक्ष पेश करें, साथ ही निगम भी जल्द से जल्द इसका संज्ञान ले।”

MeenakshiLekhi

लेखी के पत्र के बाद चीफ इंजीनियर (Elect – 1) ने अपनी रिपोर्ट पेश की और चिलर 2 में कमियों और खामियों को साफतौर पर उजागर भी किया। इसके उलट चीफ इंजीनियर (Elect – 2) ने एक रिपोर्ट तैयार की जिसमें चिलर की खामियों के बावजूद उसे ‘क्लिन चीट’ दे दिया गया। उल्लेखनीय है कि यह रिपोर्ट किसी कर्मचारी से नहीं बल्कि किसी थर्ड पार्टी के द्वारा बनवाई गई थी। 29 जुलाई 2020 को लिए पत्र में मीनाक्षी लेखी ने चीफ इंजीनियर (Elect – 3) को निरस्त करने की मांग भी की थी।