तिरुवनंतपुरम। केरल में कोरोना वायरस ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। केरल देश के उन राज्यों में है, जहां कोरोना कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हालत ये है कि यहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट TPR लगातार बढ़ रहा है। इससे पिनरई विजयन सरकार के हाथ-पैर फूल गए हैं। राज्य सरकार ने उन जिलों में ज्यादा टेस्ट करने का फैसला किया है, जहां टीकाकरण कम हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर टीपीआर 3 फीसदी से कम है। वहीं, केरल में ये 10 फीसदी से बढ़कर एक महीने में 18 फीसदी हो गई है। केरल में मंगलवार को 24296 नए कोरोना मरीज मिले थे।
सीएम पिनरई विजयन ने समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने पाया कि तिरुवनंतपुरम, पत्थनमथिट्टा, एर्नाकुलम और वायनाड में टीकाकरण ठीक से हो रहा है। इन जिलों में कोरोना के लक्षण होने पर ही लोगों की कोरोना जांच होगी। इन चारों जिलों में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में से 70 फीसदी को टीका लग चुका है। जबकि, उन 10 जिलों में जहां टीकाकरण की रफ्तार कम है, वहां टेस्ट लगातार बढ़ाए जाएंगे।
उधर, सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहा गया है कि केरल में इस साल सितंबर के अंत तक 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीके का पहला डोज दे दिया जाएगा। बीते सोमवार तक केरल में कुल आबादी के 67 फीसदी लोगों को टीके का कम से कम एक डोज दिया जा चुका है। बता दें कि केरल सरकार ने बकरीद के दौरान बाजार खोलने की छूट दी थी। जिसके बाद से ही लगातार कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जबकि, इसी केरल में कोरोना की पहली लहर के दौरान केसेज को कंट्रोल करने में सफलता हासिल हुई थी।