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Corona Third Wave: बच्चों में लंबे वक्त तक नहीं दिखेगा कोरोना का असर, सामने आई स्टडी

Corona Third Wave: लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ (Lancet Child and Adolescent Health) जर्नल में छपी रिसर्च में सामने आया है कि बच्चों में लंबे वक्त कोरोना के लक्षण रहने का रिस्क काफी कम देखा गया है। यह स्टडी बच्चों के माता पिता और देखभाल करने वाले लोगों द्वारा ऐप के जरिए दिए गए डेटा के आधार पर तैयार की गई है।

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश-दुनिया में काफी कोहराम देखा गया था। भारी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे थे। वहीं लाखों लोगों की मौत भी कोरोना वायरस की वजह से हुई थी। हालांकि अब दूसरी लहर का संक्रमण काफी कम हो गया है, लेकिन तीसरी लहर को लहर को लेकर सरकार और वैज्ञानिक लगातार सचेत कर रहे हैं। वहीं आशंका यह भी जताई जा रही है, कि कोरोना की आने वाली तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की ज्यादा आशंका है। बच्चों को लेकर एक स्टडी सामने आई है, जो काफी हद तक राहत देने वाली है। सामने आई स्टडी के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित हुए ज्यादातर बच्चे 6 दिन के बाद ठीक हो गए है, साथ ही जिन बच्चों में चार हफ्तों तक कोरोना के लक्षण देखे गए हैं उनकी संख्या में भी काफी हद तक कमी आई है।

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इसे लेकर पीटीआई की एक रिपोर्ट भी सामना आई है। लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ (Lancet Child and Adolescent Health) जर्नल में छपी रिसर्च में सामने आया है कि बच्चों में लंबे वक्त कोरोना के लक्षण रहने का रिस्क काफी कम देखा गया है। यह स्टडी बच्चों के माता पिता और देखभाल करने वाले लोगों द्वारा ऐप के जरिए दिए गए डेटा के आधार पर तैयार की गई है।

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बच्चों में कम समय तक दिखे लक्षण

लंदन के किंग्स कॉलेज के शोधकर्ताओं की ओर से की गई स्टडी के मुताबिक, कोरोना के लक्षणों को लंबे वक्त तक अनुभव करने वाले बच्चों की संख्या बहुत कम है। शोधकर्ता की मानें तो वयस्कों में कोरोना के बाद भी लंबे वक्त तक असर रहता है। कोरोना के लक्षण वयस्कों में चार हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक भी बने रह सकते हैं। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिली है कि बच्चों में भी ऐसी ही स्थिति होती है या इससे कितनी मिली जुली होती है।

बच्चों में नहीं दिखते कोरोना के लक्षण

इस स्टडी के अनुसार जिन बच्चों के कोरोना टेस्ट पॉजिटिव मिले, उनमें कोरोना के लक्षण काफी कम पाए गए हैं। स्टडी के समय स्मार्टफोन के जरिए ब्रिटेन के 2.5 लाख ऐसे बच्चों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 5 से 17 साल तक थी। टीम ने शोध का समय सितंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच का रखा। इस दौरान 1,734 बच्चों के संक्रमित होने के बाद उनमें लक्षण विकसित हुए। इनके लक्षणों को नियमित रूप तब तक देखा गया जब तक की वह ठीक नहीं हो गए। बच्चे यहां 6 दिनों तक बीमार रहे, वहीं पहले हफ्ते के दौरान इन बच्चों में तीन लक्षण ही देखे गए। जो जल्दी ही ठीक हो गए।