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दानिश ने पूछताछ में किया खुलासा, PFI दिल्ली हिंसा भड़काने में भी था शामिल

अभी तक दानिश से की गई पूछताछ में सामने आया है कि प्रतिबंधित संगठन PFI न सिर्फ CAA विरोधी आंदोलन में शामिल रहा था, बल्कि हिंसा भड़काने में भी उसकी भूमिका थी।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली हिंसा पर संसद में बहस से पहले दिल्ली पुलिस ने बुधवार को इस विषय पर एक विस्तृत रिपोर्ट गृहमंत्री अमित शाह को सौंपी। साथ ही उन्हें दिल्ली की मौजूदा स्थिति से भी अवगत कराया है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने दानिश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था। इसका संबंध PFI संस्था से है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक दानिश से की गई पूछताछ में सामने आया है कि प्रतिबंधित संगठन PFI न सिर्फ CAA विरोधी आंदोलन में शामिल रहा था, बल्कि हिंसा भड़काने में भी उसकी भूमिका थी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 25 फरवरी के दौरान भारी हिंसा हुई थी, जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। कथित कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप लगे थे।

delhi violence

सूत्रों ने यह जानकारी भी दी है कि दानिश की शिनाख्त के आधार पर इस इन आंदोलनों की फंडिंग और हिंसा भड़काने में शामिल रहे अन्य लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस दबिश दे रही है। इस लोगों के खिलाफ सबूत जुटाने का काम भी किया जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि कथित तौर पर दंगों में शामिल रहे लोगों को PFI सदस्यों ने जरूरी सामान और आर्थिक मदद मुहैया कराई थी। दानिश से की गई पूछताछ में सामने आया है कि इसके लिए बहुत बड़े स्तर पर प्लानिंग को अंजाम दिया गया था।

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा पर अमित शाह को ताजा रिपोर्ट सौंपी

केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली हिंसा पर संसद में बहस से पहले दिल्ली पुलिस ने बुधवार को इस विषय पर एक विस्तृत रिपोर्ट गृहमंत्री अमित शाह को सौंपी। साथ ही उन्हें दिल्ली की मौजूदा स्थिति से भी अवगत कराया है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों की एक टीम, जिसमें विशेष पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन और दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा शामिल हैं, ने गृहमंत्री को यह रिपोर्ट सौंपी। साथ ही 1984 में हुए दंगों के बाद से अबतक के सबसे बुरी हिंसा के बाद देश की राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में ब्रीफ भी किया।

संसद में बहस से पहले टीम ने संसद में गृहमंत्री के चैंबर में उन्हें यह रिपोर्ट सौंपी।