नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब में विजय पताका लहराने के बाद अब दूसरे राज्यों में जीत के सपने बुनने लगे हैं। बीते महीने सीएम केजरीवाल दिल्ली की जनता की फिक्र छोड़ हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव प्रचार में लगे रहे। दिल्लीवासियों ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पर लगातार तीन बार भरोसा जताते हुए सत्ता पर विराजमान करवाया। लेकिन दिल्लीवासियों की चिंता छोड़ अब वो दूसरे राज्यों में जीत का ख्याली पुलाव पका रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कल यानी बुधवार 25 मई को एक अहम बैठक बुलाई है। लेकिन सवाल ये है कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल इस बैठक में शामिल होंगे। बताते चले कि राजधानी दिल्ली में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एमसीडी द्वारा लगातार बुलडोजर चलाया जा रहा है। जिसको लेकर दिल्ली के सीएम केजरीवाल और उनके विधायक राजनीतिक बयानबाजी करते रहे। आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने इस मसले पर जमकर सियासत कर रहे है।
बता दें कि सीएम केजरीवाल की बुलडोजर एक्शन पर बौखलाहट कई बार सामने आ चुकी है। वो मीडिया के सामने आकर बयान दे चुके हैं। बेहतर ये होता है कि वो इस मामले को मीडिया की जगह एमसीडी के सामने रखते। इसी क्रम में बुधवार को एमसीडी ने एक अहम बैठक बुलाई है। गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पिछले कई मर्तबा से एमसीडी बैठकों से नदारद दिखे। इसका खुलासा दस्तावेजों से हुआ है।
रिकॉर्ड के मुताबिक एनडीएमसी परिषद की एक विशेष बैठक 31/08/2021 को आयोजित की गई थी। जिसमें भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी, सतीश उपाध्याय, कुलजीत सिंह चहल शामिल हुए। लेकिन अरविंद केजरीवाल इस बैठक से गायब रहे।
इसके अलावा 07/01/2022 को एमसीडी की बैठक फिर बुलाई गई थी। जिसमें अन्य नेता तो शामिल हुए मगर अरविंद केजरीवाल फिर नदारद रहे।
दस्तावेज के मुताबिक, 23 फरवरी 2022 को भी बैठक बुलाई थी और मीटिंग में सतीश उपाध्याय, गिरीश सचदेव, कुलजीत सिंह चहल मौजूद रहे। मगर सीएम केजरीवाल फिर से गायब रहे।
आखिर बैठक 30 मार्च 2022 में बुलाई गई थी जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल नहीं शामिल हुए। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्लीवासियों से संदर्भित मुद्दों को लेकर संवेदनशील नहीं हैं। क्या वे महज दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों को महज अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद ही उठाते हैं। या फिर महज अपने निजी हितों को ध्यान में रखते हुए वे दिल्लीवासियों के मसले को उठाने की दिलचस्पी रखते हैं। खैर, अब सवाल यह है कि क्या वे दिल्ली नगर निगम की बैठक में शामिल होंगे की नहीं। यह तो फिलहाल कल की बैठक के बाद ही साफ हो पाएगा।