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Delhi: दिल्ली HC का सख्त रूख, विवेक बिंद्रा के यूट्यूब चैनल को संदीप माहेश्वरी पर अपमानजनक वीडियो बनाने से रोका

Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट ने उद्ममी विवेक बिंद्रा के बिजनेस पार्टनर विकास कोटनाला को संदीप महेश्वरी के खिलाफ अपमानजनक वीडियो बनाने पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान सुनवाई के दौरान इस नतीजे पर पहुंची कि कोटनाला और बिंद्रा के बीच कोई संबंध है और कोटनाला द्वारा माहेश्वरी को लेकर पोस्ट की जा रही अपमानजनक वीडियो सिवल कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

नई दिल्ली। अगर आप थोड़ा-बहुत समय भी सोशल मीडिया पर बिताते हैं, तब तो आपको उद्ममी विवेक बिंद्रा और उत्प्रेरक वक्ता संदीप महेश्वरी के बीच चल रहे विवाद के बारे में पता ही होगा कि कैसे दोनों के बीच वाकयुद्ध जारी है। दोनों ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कोई गुरेज नहीं कहने में कि दोनों ही सोशल मीडिया को एक-दूसरे खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि इस तरह की गतिविधियां विवेक बिंद्रा की ओर से कुछ ज्यादा ही की जा रही हैं, जिस पर अब संज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि कोर्ट ने क्या कुछ कहा है ?

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने उद्ममी विवेक बिंद्रा के बिजनेस पार्टनर विकास कोटनाला को संदीप माहेश्वरी के खिलाफ अपमानजनक वीडियो बनाने पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान सुनवाई के दौरान इस नतीजे पर पहुंचे कि कोटनाला और बिंद्रा के बीच कोई संबंध है और कोटनाला द्वारा माहेश्वरी को लेकर पोस्ट की जा रही अपमानजनक वीडियो सिवल कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। इस तरह से कोर्ट ने कोटनाला को संदीप माहेश्वरी के बारे में कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने रोक दिया है।

HC के आदेश में क्या कहा गया?

15 जनवरी को बार और बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने एक आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि कोटनाला बिंद्रा के स्वामित्व वाली कंपनी में साझेदार माहेश्वरी और बिंद्रा के बीच संबंध है। यह आदेश पिछले अदालत के फैसले को पूरी तरह से दरकिनार करता हुआ दिखाई दे रहा है जिसने माहेश्वरी और बिंद्रा को एक-दूसरे के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने से रोक दिया था। घटनाक्रम 22 दिसंबर, 2023 का है, जब फ़रीदाबाद की एक सिविल अदालत ने माहेश्वरी और बिंद्रा को एक-दूसरे के खिलाफ मानहानि के आरोप लगाने से रोक दिया था। यह आदेश बिंद्रा द्वारा दायर एक मामले के जवाब में जारी किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस जालान ने टिप्पणी की, ”मेरा इरादा किसी को छोटा दिखाने का नहीं है, लेकिन यह एक तरह की लड़ाई है जो इन यूट्यूब चैनलों पर चल रही है। ऐसा नहीं है कि मैं यह पहली बार देख रहा हूं। ऐसा लगता है इस लड़ाई के दौरान विरोधियों के बीच बहुत कम संवाद होता हुआ नजर आ रहा है।”

कानूनी विवाद में जटिल संबंध और आरोप शामिल हैं, जिसमें माहेश्वरी और बिंद्रा द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ पोस्ट की गई कथित अपमानजनक सामग्री से जुड़ी जटिलताओं को सुलझाने में अदालत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अब देखना होगा कि कोर्ट आगे इस पर किस तरीके से फैसला लेता है। क्या संदीप महेश्वरी और विवेक बिंद्रा के बीच का झगड़ा सुलझ पाएगा या नहीं।