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One Nation One Election: ‘एक देश, एक चुनाव’ पर केजरीवाल ने उठाए सवाल, ट्वीट कर लिखी ये बात

One Nation One Election: सीएम केजरीवाल ने केंद्र पर हमला बोलते हुए X (पूर्व में ट्विटर) में लिखा, ”देश के लिए क्या ज़रूरी है? वन नेशन वन इलेक्शन या वन नेशन वन एजुकेशन (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसी अच्छी शिक्षा), वन नेशन वन इलाज (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसा अच्छा इलाज), आम आदमी को वन नेशन वन इलेक्शन से क्या मिलेगा?”

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव होने में अब 6 महीने से भी कम समय शेष रह गया है। ऐसे में 2024 चुनाव से पहले मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक चल दिया। इसी क्रम में केंद्र ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर बड़ा कदम उठा दिया। जिसको लेकर इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय तेज हो गया है। कानून मंत्रालय ने इसके लिए देश के पूर्व प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी के सदस्यों का नामों का भी ऐलान कर दिया है। इस कमेटी में गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद समेत 8 सदस्यों को शामिल किया है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई मौकों पर वन नेशन वन इलेक्शन की बात कर चुके है। वहीं विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लगातार केंद्र को घेरने की कोशिश कर रहा है। इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वन नेशन वन इलेक्शन पर ट्वीट कर ही सवाल उठाए दिए है। केजरीवाल ने पूछा देश के लिए क्या जरूरी है वन नेशन वन इलेक्शन या वन नेशन वन एजुकेशन। साथ ही उन्होंने ये पूछा कि आम जनता को वन नेशन वन इलेक्शन क्या मिलेगा?  केजरीवाल के इस बयान को लेकर अब सियासत तेज होना लजमी है।

बता दें कि सीएम केजरीवाल ने केंद्र पर हमला बोलते हुए X (पूर्व में ट्विटर) में लिखा, ”देश के लिए क्या ज़रूरी है? वन नेशन वन इलेक्शन या वन नेशन वन एजुकेशन (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसी अच्छी शिक्षा), वन नेशन वन इलाज (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसा अच्छा इलाज), आम आदमी को वन नेशन वन इलेक्शन से क्या मिलेगा?”

वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लागू होने से देश में हर साल होने वाले चुनावों पर भारी राशि बच जाएंगी। देश में हर साल किसी ना किसी राज्य में चुनाव होते रहते है। जिसमें पूरी स्टेट मशीनरी और संसाधनों का प्रयोग किया जाता है। वहीं इस बिल के लागू के बाद चुनावों से बार-बार की तैयारी से छुटकारा भी मिल जाएगा। इतना ही नहीं वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लागू होने के बाद सरकार के विकास कार्यों में बाधा नहीं आएगी।

गौरतलब है कि सरकार ने 18 से 22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है। कयास लगाए जा रहे है कि इस विशेष सत्र में केंद्र ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को पास करवाना चाहती है। जानकारी के लिए बता दें कि 9 साल के कार्यकाल में पहली मर्तबा मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है।