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कुंभ स्नान की दलील से की मरकज खोलने की अपील, दिल्ली HC ने कहा- सिर्फ 5 लोगों के लिए ही खुलेगा

Delhi Markaz: कुंभ की दलील पर हाईकोर्ट की जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि किस राज्य में क्या हो रहा है, वो मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं है, लेकिन मेरे पास  अगर मरकज़ को लेकर याचिका आई है तो फ़िर में इसका निपटारा क़ानून के दायरे में ही करूंगी।

नई दिल्ली। पिछले साल जब कोरोना अपनी रफ्तार पकड़ रहा था तो उस वक्त दिल्ली का मरकज काफी सुर्खियों में आया था। कोरोना के प्रसार को देखते हुए बंद हुए इस मरकज को खोलने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की गई। हालांकि इस अपील को हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए एक दिन में मरकज के ही 5 लोगों को 5 बार नमाज पढ़ने की छूट दी है। बता दें कि मरकज़ को आम लोगों को खोलने के मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि फिलहाल मरकज़ के ही 5 लोग दिन में 5 बार नमाज़ अदा कर सकते हैं। साफ है कि मरकज को अभी आम लोगों के लिए खोला नहीं जाएगा। कोर्ट के ताजा आदेश के बाद मरकज प्रशासन से ही जुड़े 5 लोगों को दिन में नमाज अदा करने की परमिशन होगी। बता दें कि मरकज को खोलने को लेकर कुंभ स्नान की भी दलील दी गई, लेकिन कोर्ट ने इस सारी दलीलों को खारिज कर दिया।

Delhi Markaj

‘नियम क्या ये सिर्फ़ मुसलमानो के लिए है?’

मरकज़ की तरफ़ से मामले में पेश हुए वक़ील रमेश गुप्ता ने कहा कि मरकज पर लगे नियम क्या ये सिर्फ़ मुसलमानो के लिए है? कल ही लाखों लोगों ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया है। क्या वहां के लिए केंद्र की कोरोना को रोकने के लिए कोई गाइडलाइन्स नहीं है? वहीं केंद्र सरकार की तरफ़ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली में बढ़ रहे मामलों को लेकर कहा कि कोरोना किसी धर्म में फर्क नहीं करता और दिल्ली में 13 हज़ार तक केस पहुँच रहे है।

‘मरकज़ आने की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए’

उन्होंने कहा कि, कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए भीड़ को मरकज़ आने की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली में धार्मिक अनुष्ठानों और भीड़ पर रोक के लिए 10 अप्रैल को ही डीडीएमए गाइडलाइन जारी कर चुका है। इसलिए मरकज को खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। बता दें कि इस मामले में परसों फिर सुनवाई होगी।

Markaj Nizamuddin

वहीं कुंभ की दलील पर हाईकोर्ट की जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि किस राज्य में क्या हो रहा है, वो मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं है, लेकिन मेरे पास  अगर मरकज़ को लेकर याचिका आई है तो फ़िर में इसका निपटारा क़ानून के दायरे में ही करूंगी। अगर डीडीएमए की गाइडलाइन्स है कि दिल्ली में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान नहीं हो सकते और भीड़ की इजाज़त नहीं है, तो मैं ये आदेश जारी नहीं कर सकती कि दो सौ या पांच सौ लोगों को मरकज़ में जाने की इजाजत दे दूं।

आप विधायक अमानुतल्ला को हाई कोर्ट की लताड़

वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक अमानुतल्लाह खान के मरकज से जुड़े एक वीडियो को लेकर हाई कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने मरकज़ के वकील से कहा कि कल सोशल मीडिया पर आप के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि कोर्ट ने मरकज़ को खोल दिया है, जबकि हमारी तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोर्ट द्वारा निज़ामुद्दीन मरकज़ को खोलने संबंधित कोई आदेश नहीं दिया गया लेकिन इसके बाद भी आप के विधायक अमानतुल्लाह खान ने ग़लत जानकारी जनता में वीडियो बनाकर शेयर किया।