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दिल्ली के शाही इमाम ने कहा- 4 जुलाई से सामूहिक तौर पर जामा मस्जिद में पढ़ी जा सकेगी नमाज

शाही इमाम बुखारी ने कहा कि सरकार ने अनलॉक 1.0 के तहत कई तरह की छूट दे दी है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस को लेकर लागू हुए लॉकडाउन के चलते देशभर में धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब अनलॉक-1 से इसे धीरे-धीरे खोलने की शुरुआत कर दी गई है। 8 जून से देश में धार्मिक स्थलों को खोलने की कवायद शुरू की गई। इसके तहत दिल्ली की जामा मस्जिद को लेकर ऐलान किया गया है कि 4 जुलाई से यहां सामूहिक तौर पर नमाज पढ़ी जा सकेगी।

Shahi IMAM Maulana Ahmed Bukhari

जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा है कि, 4 जुलाई से जामा मस्जिद एक बार फिर से आमलोगों के लिए खुल जाएगी और यहां पर दोबारा से सामूहिक तौर पर नमाज भी पढ़ी जा सकेगी। बता दें कि इससे पहले दिल्‍ली में कोरोना वायरस के बढ़ते  संक्रमण को देखते हुए 11 जून को इस ऐतिहासिक  मस्जिद को 30 जून तक के लिए बंद कर दिया गया था। मंगलवार को बुखारी ने कहा कि मस्जिद को दोबारा खोलने का फैसला लोगों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।

Jama Masjid

केंद्र सरकार द्वारा 1 जुलाई से Unlock 2.0 की गाइडलाइन जारी करने के बाद शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने जामा मस्जिद खोलने और सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ने की शुरुआत किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘अनलॉक-1 के तहत लगभग सब कुछ खुल गया है और सामान्य गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं। हमने लोगों द्वारा नमाज अदा किए जाने को लेकर मस्जिद खोलने का निर्णय लिया है क्योंकि वायरस से बचाव से जुड़े सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूकता बढ़ी है।’

Jama Masjid Namaj

शाही इमाम बुखारी ने कहा कि सरकार ने अनलॉक 1.0 के तहत कई तरह की छूट दे दी है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी नियमों का पालन करना चाहिए। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे ऐहतियाती नियमों का पालन करना होगा, तभी इस बीमारी की जंग जीती जा सकेगी।

आपको बता दें कि शाही इमाम के निजी सचिव अमानुल्लाह की इस महीने की शुरुआत में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद लोगों को घर पर नमाज अदा करने के लिए कहा गया था। हालांकि मस्जिद के कुछ कर्मचारियों को इसके अंदर पांच वक्त की नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी।