जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में खतरनाक मकान और 2 होटलों को गिराने की कवायद चल रही है। पहले दो होटल माउंट व्यू और मलारी इन को गिराया जा रहा है। मकानों का नंबर इसके बाद आएगा। अब तक 678 घरों में गहरी और चौड़ी दरारों का पता चला है। दरारों की वजह से ये सारे मकान और दोनों होटल खतरनाक घोषित किए गए हैं। अब तक इन मकानों में रहने वाले 90 के करीब परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है। उत्तराखंड सरकार ने सभी प्रभावित परिवारों का दूसरी जगह बसाने का एलान किया है, लेकिन जोशीमठ के लोग अपने मकानों की दुर्दशा देखकर गमगीन हैं। वो अपने भविष्य और कामकाज को लेकर भी चिंतित हैं।
उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के हालात को देखने, मकानों और सड़कों में दरारें आने और जमीन से पानी के सोते फूटने के बारे में एक कमेटी से जांच कराई है। जांच रिपोर्ट से पता चला है कि जोशीमठ में बेतरतीब निर्माण किया गया। यहां पानी के बहाव के रास्ते में भी रुकावटें खड़ी की गईं। इसके अलावा मलबे पर ऊंचे होटल बना दिए गए। अब जमीन धंसाव की वजह से मौजूदा हालात पैदा हुए हैं। इसके अलावा पास से बहने वाली अलकनंदा नदी की कटान ने भी हालात को और गंभीर कर दिया है। ऐसे में खतरनाक मकानों और होटलों को गिराने का सुझाव दिया गया था।
जोशीमठ में ऐतिहातन बिजली काटकर डिमोलिशन का काम हो रहा है। ठंड के दिन हैं। ऐसे में यहां के लोगों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के मन में ये सवाल भी है कि उत्तराखंड सरकार जिस जगह उन्हें बसाएगी, वहां क्या उनको अपने खेत और जोशीमठ के मकान के बराबर जमीन भी मिलेगी या नहीं? जोशीमठ के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती और चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटन से आय है। नई जगह बसाने पर आय के साधन क्या होंगे, इसे लेकर भी लोग चिंता में हैं। फिर भी जान बचाने को वे प्राथमिकता दे रहे हैं। मकानों और होटलों को गिराने के बाद भी जोशीमठ को पूरी तरह बचाया जा सकेगा या नहीं, इस पर भी चर्चा तेज है।