नई दिल्ली। बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार (Yogi Govt) ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए यूपी सरकार ने नीति तैयार की है। जिसके तहत बीते दिन सीएम योगी ने लोकभवन में मसौदा पेश किया है। वहीं अब आयोग ने जनसंख्या विधेयक 2021 के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। जिसे अंतिम रूप देने के लिए आयोग जल्द ही सरकार को सौंप देगा। इस ड्राफ्ट के जरिए यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय पेश किए गए हैं।
2 से अधिक बच्चे होने पर होंगे ये नियम
आयोग द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक 2 से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों के आवेदन पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। विधि आयोग ने इसका ड्राफ्ट सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक इस ड्राफ्ट पर जनता से राय मांगी गई है। बता दें कि यह ड्राफ्ट ऐसे समय में पेश किया गया है जब 11 जुलाई को योगी सरकार नई जनसंख्या नीति जारी करने जा रही है। इस ड्राफ्ट पर आयोग का कहना है कि ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए कोई सरकारी आदेश नहीं है। आयोग ने खुद की प्रेरणा से यह ड्राफ्ट तैयार किया है।
एक्ट लागू हुआ तो क्या होगा?
कहा जा रहा है कि यदि यह एक्ट लागू किया जाता है तो दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर नौकरी के प्रमोशन पर रोक लग सकती है। साथ 77 सरकारी योजनाओं और अनुदान से भी वंचित रखे जाने का प्रावधान इसमें रखा गया है। यह एक्ट लागू होने पर एक साल के अंदर सभी सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा जिसके तहत वह इस एक्ट का उल्लंघन नहीं करेंगे।
कानून लागू होते समय उनके दो ही बच्चे हैं और शपथ पत्र देने के बाद अगर वह तीसरी संतान पैदा करते हैं। तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने और चुनाव ना लड़ने देने का प्रस्ताव होगा। इतना ही नही सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने के साथ उन्हे बर्खास्त करने तक की सिफारिश रखी गई है।
नसबंदी करवाने पर मिलेगा लाभ
इस ड्राफ्ट के तहत यह नियम भी बनाया गया है कि यदि अगर परिवार के अभिभावक सरकारी नौकरी में हैं और नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सुविधाएं दी जाएंगी। दो बच्चों वाले दंपत्ति अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हें पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट और अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है। वहीं एक संतान पर खुद से नसबंदी कराने वाले अभिभावकों को संतान के 20 साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में में प्राथमिकता देने की सिफारिश है।