नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का संसद में समर्थन करने के मसले पर कांग्रेस में विरोधी सुर सुनाई दे रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से अपील की थी कि दिल्ली सरकार के ट्रांसफर-पोस्टिंग के हक के खिलाफ केंद्र की तरफ से लाए गए अध्यादेश का बिल जब संसद में मोदी सरकार पेश करे, तो उसका विरोध किया जाए। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के भीतर ही तमाम नेता केजरीवाल का साथ न देने के लिए कांग्रेस आलाकमान से कह चुके हैं। इनमें पंजाब के नेता भी हैं। पंजाब कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि एक तरफ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार लगातार राज्य के कांग्रेस नेताओं पर केस कर रही है। वहीं, संसद में समर्थन मांग रही है। ऐसे में उसे समर्थन नहीं देना चाहिए।
इससे पहले दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित और अजय माकन भी केजरीवाल सरकार का संसद में साथ दिए जाने के कांग्रेस के किसी भी कदम का विरोध सार्वजनिक तौर पर किया था। ऐसे में कांग्रेस के सामने काफी मुश्किल है और फिलहाल इस मसले पर पार्टी गहन विचार करने वाली मुद्रा में आ गई है। सूत्रों के हिसाब से मानें, तो कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी के साथ खड़े होना ठीक नहीं है। इसके अलावा केजरीवाल ने जिस तरह शीला दीक्षित समेत कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाए थे, उसकी वजह से भी पार्टी के नेता नाराज हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने मांग की थी कि केजरीवाल पहले सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शीला दीक्षित और पार्टी के अन्य नेताओं पर आरोप लगाने पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात का वक्त मांगा था, लेकिन वो भी नहीं मिला। अब राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं। ऐसे में केजरीवाल को कांग्रेस का समर्थन फिलहाल खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।