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ED Raids: उद्धव ठाकरे और बेटे आदित्य के करीबियों पर ईडी का छापा, बीएमसी कोविड सेंटर घोटाले में कार्रवाई

ईडी के इन छापों की टाइमिंग ऐसी है, जब सोमवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि बीएमसी में 12500 करोड़ का घोटाला हुआ है। फडणवीस ने कहा था कि हर हाल में घोटाला करने वालों से सरकार पाई-पाई वसूल करेगी।

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के करीबियों के यहां छापे मारे हैं। जानकारी के मुताबिक युवा सेना के सचिव संजीव चव्हाण के घर पर ईडी ने छापा मारा है। जांच एजेंसी ने आईएएस संजीव जायसवाल के घर पर भी छापा मारा। बताया जा रहा है कि करीब 16 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी चल रही है। ये छापे बीएमसी कोविड सेंटर घोटाले के सिलसिले में मारे जा रहे हैं। ईडी के इन छापों की टाइमिंग ऐसी है, जब सोमवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि बीएमसी में 12500 करोड़ का घोटाला हुआ है। फडणवीस ने कहा था कि हर हाल में घोटाला करने वालों से सरकार पाई-पाई वसूल करेगी। महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक बीएमसी में घोटाले का खुलासा सीएजी रिपोर्ट से हुआ है। इस मामले में एसआईटी बनाई गई है।

enforcement directorate

अक्टूबर 2022 में आरोप लगा था कि बीएमसी ने लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेस को पांच कोविड सेंटर का ठेका उस वक्त दिया, जब ये कंपनी अस्तित्व में ही नहीं थी। ये भी आरोप है कि यह रजिस्टर्ड फर्म नहीं थी। करीब 100 करोड़ रुपए का ठेका गलत तरीके से देने का भी आरोप इस घोटाले में है। बीएमसी पर कोरोना काल के दौरान मेडिकल इमरजेंसी के नाम पर खरीदारी में भी भारी घोटाले का आरोप है। इसके अलावा कोरोना काल के दौरान बीएमसी पर ये आरोप भी लगा कि उसने अप्रैल 2020 में रेमडेसिविर के एक वायल को 1568 रुपए में खरीदा। जबकि सरकारी हॉफकिन इंस्टीट्यूट ने यही दवा 668 प्रति वायल खरीदी थी। बीएमसी ने इस दौरान 2 लाख वायल खरीदने का ठेका दिया।

bmc

बीएमसी पर इनके अलावा और भी घोटाले के आरोप हैं। मुंबई के दहिसर इलाके की जमीन को महंगे दाम में खरीदने का आरोप भी बीएमसी पर लगा है। बीएमसी ने दहिसर में एक जमीन का हिस्सा अल्पेश अजमेरा के निशल्प रियलिटीज से 349 करोड़ में खरीदा था। इसी जमीन को अल्पेश अजमेरा ने मस्कारेन्हास परिवार से से महज 2 करोड़ 55 लाख रुपए में खरीदा था। तब बीएमसी अधिकारियों ने इस खरीद पर विरोध जताया था। बीएमसी पर 2021 में अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट का ठेका बिना पारदर्शिता के देने और कोविड के दौरान ठेके देने में अफसरों के परिजनों को लाभ पहुंचाने का भी आरोप है।