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Meeting: चुनाव आयोग की आज स्वास्थ्य मंत्रालय से अहम बैठक, 5 राज्यों के विस चुनाव पर फैसला संभव

बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग और पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि चुनाव के दौरान प्रचार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या अखबारों के जरिए किया जाए। चुनाव टालने के बारे में एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दी है।

नई दिल्ली। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज देश में बढ़कर 500 से ज्यादा हो चुके हैं। इस हालात को देखते हुए अगले साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में चुनाव आयोग ने विचार शुरू किया है। आयोग की आज स्वास्थ्य मंत्रालय के बड़े अफसरों के साथ बैठक है। इस बैठक में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर विधानसभा चुनावों के बारे में बड़ा फैसला हो सकता है। बता दें कि बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग और पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि चुनाव के दौरान प्रचार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या अखबारों के जरिए किया जाए। चुनाव टालने के बारे में एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दी है। ऐसे में आज स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों और चुनाव आयोग की बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

Legislative Assembly

यूपी समेत 5 राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। आयोग के सूत्रों ने बताया कि उनके अधिकारी आज स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ मीटिंग करेंगे। आयोग के सदस्य केंद्र सरकार से ओमिक्रॉन के प्रसार और चुनाव पर इसके असर के बारे में फीडबैक लेंगे। यूपी के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव होने हैं। यूपी विधानसभा का कार्यकाल मई तक है। ऐसे में अगले महीने विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करने की बात पहले आयोग सोच रहा था। तारीखें वो घोषित करता है या नहीं, ये आने वाले एक-दो दिन में तय होने की उम्मीद है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र कल से तीन दिन के लिए यूपी भी जाने वाले हैं। वहां वो अफसरों और सरकारी तंत्र से चुनाव की तैयारियों और कोरोना की वजह से होने वाली दिक्कतों पर चर्चा करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने मीडिया से इस बारे में कहा था कि वो यूपी जा रहे हैं। वहां स्थित की समीक्षा करने के बाद जरूरी फैसला किया जाएगा। वो अपनी टीम के साथ पहले पंजाब, गोवा और उत्तराखंड भी जा चुके हैं। इस बीच, पीएम मोदी ने चुनाव को देखते हुए फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 साल या ज्यादा उम्र वालों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज देने का फैसला किया है। ऐसे में केंद्र की ओर से आयोग को बताया जा सकता है कि चुनाव के लिए उसकी तैयारी कैसी है।