नई दिल्ली। काबुल में फंसे कई भारतीय आज अपने वतन पहुंचेंगे। इन सभी को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे होते हुए दिल्ली लाया जा रहा है। सोमवार को इन सभी को काबुल से एयरलिफ्ट किया गया था। इन लोगों के साथ अफगानिस्तान के निवासी सिख और हिंदू भी हैं। सोमवार को 146 भारतीयों को चार अलग-अलग फ्लाइट्स से दोहा के रास्ते लाया गया था। अब तक 736 लोगों को अफगानिस्तान से लाया जा चुका है। आज आने वाले लोगों में जो सिख यात्री हैं, वे अपने साथ काबुल के गुर्द्वारा में रखे पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां भी लेकर आ रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर विदेश मंत्रालय लगातार भारतीयों, अफगान सिखों और हिंदुओं का रेस्क्यू कर रहा है। अफगानिस्तान में हालात बहुत बदतर हैं। वहां से आए लोगों ने इसकी जानकारी मीडिया को दी है। काबुल और अफगानिस्तान में फंसे लोग, खासकर महिलाओं की हालत बहुत खराब है। वहां तालिबान ने वादा तोड़ते हुए महिलाओं को काम पर जाने से रोक दिया है।
हेरात में तालिबान ने कहा है कि को-एजुकेशन स्कूल नहीं चलाए जा सकते। तमाम स्कूलों ने बच्चियों की पहचान छिपाने के लिए स्कूली दस्तावेज जला दिए हैं। तालिबान इसके साथ ही जगह-जगह नाकेबंदी कर रहा है और घरों की तलाशी भी ले रहा है। जानकारी के मुताबिक तालिबान ने अब पिछली सरकार में काम करने वाले अफगान नागरिकों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है। यानी ये कर्मचारी अब सरकारी सेवाओं में काम नहीं कर सकेंगे।
उधर, उत्तरी अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में तालिबान और रेजिस्टेंट फोर्सेज के बीच जंग जारी है। बघलान समेत कई इलाकों में तालिबान को खासा नुकसान हुआ है। अब तक करीब 400 तालिबान मारे जा चुके हैं। देश के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने हाथ मिला लिया है और तालिबान को तगड़ी टक्कर दे रहे हैं।